RANCHI: आवास बोर्ड की जमीन पर रहने वालों को जल्द ही मालिकाना हक मिलेगा, इसके लिए कैबिनेट की स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही विभागीय स्तर पर इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। मालूम हो कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद आवास विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया था, जिसे कैबिनेट ने स्वीकृति दी है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद आवास बोर्ड की जमीन या फ्लैट लेने वाले इस संपत्ति का उपयोग अपने हिसाब से कर पाएंगे। अब तक लीज व्यवस्था में आवास बोर्ड ही असली संपत्ति का मालिक होता था और लेनदार को 99 साल की लीज पर आवास दिया जाता था। लीजधारक अगर उक्त संपत्ति को बेचना चाहता था तो उसे बोर्ड में पहले आवेदन देना होता था और बोर्ड की स्वीकृति के बाद भी फ्लैट किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर किया जाता था। इसके लिए लाभांश का भुगतान बोर्ड को भी करना पड़ता था। फ्री होल्ड करने के लिए बोर्ड लीजधारकों से वर्तमान में बाजार दर की 10 परसेंट राशि ट्रांसफर शुल्क के रूप में लेगा। सरकार के इस फैसले से करीब 25 हजार लोगों को फायदा होगा।

लाभांश के मामले में विसंगतियां

बोर्ड अपनी संपत्तियों को लीज होल्ड से फ्री होल्ड करने का निर्णय ले चुका है। इसपर कैबिनेट की भी मुहर लग चुकी है वहीं दूसरी ओर लाभांश के मामले में आज भी विसंगतियां हैं। बोर्ड के पास पहुंची शिकायतों को आधार अगर माना जाए तो कई क्षेत्रों में निर्धारित सर्किल रेट से अधिक पैसा लाभांश के रूप में ले रहा है। हरमू क्षेत्र का सर्किल रेट 1197 रुपए है, जबकि बोर्ड यहां 1810 रुपए प्रति स्कवायर फीट ले रहा है। इसके अलावा एक ही संपत्ति के हस्तांतरण के लिए बार-बार लाभांश वसूला जा रहा है। पहले बोर्ड किसी भी संपत्ति के लिए पहली बार 50 परसेंट, दूसरी बार 25 व तीसरी बार 12.5 प्रतिशत लाभांश लेता था, लेकिन अब हर बार हस्तांतरण में 50 परसेंट लाभांश की वसूली की जा रही है।

क्या है फ्री होल्ड की शर्ते

-अपडेट कीमत की गणना उस दिन से की जाएगी, जिस दिन से लीज होल्ड से फ्री होल्ड में डीड का रजिस्ट्रेशन होगा। लीज डीड की तारीख तक भूमि का अपडेट लगान आवंटी को देना होगा।

-यदि संबंधित भूखंड या फ्लैट या मकान के लीज होल्ड का रजिस्ट्रेशन अब तक नहीं हुआ है तो पहले लीज डीड का रजिस्ट्रेशन होगा। इसके बाद ही इसे फ्री होल्ड करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

-भूमि या उस पर बने भवन के मूल्य के निर्धारण के संबंध में तय किया गया है कि संपत्तियों का मूल्यांकन राज्य आवास बोर्ड झारखंड स्टांप रूल 1995 और निबंधन विभाग द्वारा निर्धारित एमवीआर के आधार पर करेगा।

लीज होल्ड से फ्री होल्ड में परिवर्तन करना आवंटियों के लिए विकल्प के रूप में होगा। यानी कोई लीज धारक अगर अपने मकान या जमीन को फ्री होल्ड नहीं कराना चाहे तो वो इसके लिए स्वतंत्र है।