RANCHI : राज्य सरकार ने नेशनल या इंटरनेशनल लेवल पर मशहूर खिलाडि़यों को कोच बनाने का फैसला किया है। इसके लिए ओलिंपिक, एशियन गेम्स और नेशनल गेम्स समेत सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजनों में मेडल हासिल करने वालों या फिर भाग लेने वालों की ही सूची तैयार की जा रही है। सोमवार को मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने खेलकूद, युवा कार्य, कला-संस्कृति और पर्यटन विभाग की समीक्षा के क्रम में उक्त निर्देश दिए, ताकि उन्हें राज्य के बच्चों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेवारी सौंपी जा सके।

बनेगी विशेष कार्य योजना

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि राज्य में खेल को बढ़ावा देने के लिए खेल और खिलाडि़यों की विशेष कार्य योजना बनाई जाए, ताकि विभिन्न प्रकार के खेलों में शामिल होने के लिए तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडि़यों को तैयार करने हेतु लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि नेशनल टीम हेतु चयनित खिलाडि़यों को अलग से डाइट फूड फंड आवंटित किया जाए, ताकि वे शारीरिक रूप से सक्षम हो सकें।

खिलाडि़यों को खेल अकादमी में विशेष प्रशिक्षण

मुख्य सचिव ने कहा कि नेशनल गेम्स अथवा अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग लेने हेतु चयनित खिलाडि़यों को राष्ट्रीय स्तर के खेल अकादमियों में दो महीने के विशेष प्रशिक्षण हेतु प्रस्ताव तैयार किया जाए। साथ ही सभी सरकारी स्कूलों में खेल को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने देश और राज्य को विभिन्न खेलों में राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है और वे आज दैनिक मजदूरी कर अपना पेट पालने को मजबूर है, उनके लिये खिलाड़ी पेशन योजना बनाई जाए, ताकि वे अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।

130 स्पो‌र्ट्स सेंटर की प्रोफाइलिंग हो

मुख्य सचिव ने राज्य के सभी 130 स्पोटर््स सेंटर की प्रोफाइलिंग करने का निर्देश दिया, ताकि उन केन्द्रों में खेल से संबंधित सुविधाओं का आकलन तैयार कर उनके लिए योजना बनाई जा सके। साथ ही उन्होंने नेशनल गेम की तर्ज पर राज्य स्तरीय खेल के वार्षिक आयोजन कराने का भी निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि जो राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी खेलों से विमुख हो रहे हैं, उनके साथ विभाग समन्वय स्थापित उन कारकों को चिन्हि्त करे,ं ताकि उनके हुनर को एक आधार दिया जा सके। विभाग द्वारा बताया गया कि वर्तमान में खेल यूनिवर्सिटी में कुल 78 बच्चे विभिन्न खेलों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं तथा इस वर्ष 250 बच्चों के नामांकन का लक्ष्य विभाग की ओर से रखा गया है।