RANCHI : राज्य की लड़कियां अब हुनरमंद बनेंगी। 14 से 17 साल तक की लड़कियों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद उन्हें उनकी रूचि के अनुरुप स्वावलंबी बनाया जाएगा। इसके लिए तेजस्विनी क्लब का सरकार गठन करने जा रही है। यह क्लब 17 जिलों के 154 ब्लॉक में खोला जाएगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अधिकारियों के साथ बैठक में इस योजना को जनवरी से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अन्य जिलों में इसी तर्ज पर सबला योजना लागू की जाएगी। उन्होंने बताया कि तेजस्विनी योजना को धरातल पर उतारने के लिए ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर व डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

दो आंगनबाड़ी पर क्लब

हर दो आंगनबाड़ी पर एक तेजस्विनी क्लब का गठन किया जा जाएगा। हर दो क्लब पर एक यूथ फेसिलिटेटर होगा। आठ क्लब का एक क्लस्टर होगा, जिसके लिए क्लस्टर को.ऑर्डिनेटर नियुक्त होगा। ये ब्लॉक को.ऑर्डिनेटर को रिपोर्ट करेंगे। बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, कल्याण मंत्री लुईस मरांडी, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल समेत कई अफसर मौजूद थे।

'जोहार' से दूर होगी गरीबी

जोहार योजना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से बीपीएल परिवारों की संख्या कम की जा सकती है। सरकार का लक्ष्य है कि 2022 तक राज्य में कोई परिवार गरीबी रेखा के नीचे न रहे। गौरतलब है कि यह योजना 17 जिलों के 68 प्रखंड में चलायी जानी है। पहले चरण में 25 प्रखंड में योजना शुरू की जा रही है। अगले साल बाकी प्रखंडों में यह शुरू हो जायेगी।

बीपीएल परिवारों का होगा सर्वे

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अधिकारियों से कहा कि विभिन्न स्त्रोतों से बीपीएल परिवारों का सर्वे करायें और जांच कर लें। इससे वास्तविक सूची सामने आ जायेगी.जन संवाद केंद्र के माध्यम से सरकार इसकी जांच कराती रहेगी। इससे नीचे का तंत्र भी दुरुस्त होगा।

कार्ड बनाने के लिए लगेगा कैंप

मुख्यमंत्री ने कहा कि राशन कार्ड के लिए कैंप लगाए जाएं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि दिसंबर तक यह काम पूरा कर लें। उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही महुआ से जैम, जेली व गुड़ बनाने का काम शुरू होगा। इसके लिए महाराष्ट्र की एक संस्था सहयोग करेगी।

योजनाओं में होगी जन भागीदारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाओं में ज्यादा से ज्यादा जनभागीदारी के लिए छोटी-छोटी योजनाओं को पूर करने हेतु गांव के लोगों को ही राशि देकर पूरा कराएं। इसके लिए नियमों में जरूरी संशोधन भी करें। इससे लोगों को जिम्मेदारी का बोध होगा तथा योजनाओं को लागू करने में भी तेजी आएगी।

दो साल में सभी जिले होंगे विकसित

पाकुड़, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, साहेबगंज और चाईबासा जैसे पिछड़े जिले 2.3 साल में विकसित जिलों में लाए जाएंगे। गरीबों से जुड़ी योजनाओं के क्त्रियान्वयन में इन जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सक्त्रिय रूप से विकास योजनाओं से जोड़ें। इससे बिचैलिये भी समाप्त हो जाएंगे।