RANCHI : झारखंड के एजुकेशन सिस्टम में अजबगजब खेल चल रहा है। झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी) और झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) के बाद झारखंड स्टेट पारा मेडिकल काउंसिल भी अब अपनी कार्यशैली की वजह से विवादों के घेरे में आती जा रही है। काउंसिल की लापरवाही के शिकार स्टूडेंट्स हो रहे हैं। दरअसल, काउंसिल की ओर से जारी मा‌र्क्सशीट में छह स्टूडेंट्स को फेल बताया गया है, जबकि उन्हें जो सर्टिफिकेट जारी किया गया है उसमें वे पास हैं।

क्या है पूरा मामला

मा‌र्क्सशीट में फेल व सर्टिफिकेट में पास किए जाने का मामला दिसबंर 2016 में लिए गए एग्जाम से जुड़ा है। झारखंड स्टेट पारा मेडिकल काउंसिल की ओर से जब रिजल्ट जारी किया गया तो उसमें छह स्टूडेंट्स को फेल बताया गया। लेकिन, पिछले साल 14 जुलाई को जो सर्टिफिकेट जारी किया गया उसमें ये सभी स्टूडेंट्स हैं। ऐसे में ये स्टूडेंट्स समझ नहीं पा रहे हैं कि मा‌र्क्सशीट को सही मानें या सर्टिफिकेट को। मालूम हो कि काउंसिल की ओर से हर साल दिसंबर और जून पारा मेडिकल कोर्सेज के लिए एग्जाम आयोजित किए जाते हैं।

गलती करने वाले पर एक्शन

झारखंड स्टेट पारा मेडिकल कांउसिल के एग्जामिनेशन कंट्रोलर बीसी अधिकारी ने कहा कि अगर इस तरह की कोई गलती हुई है तो स्टूडेंट्स को इसका खामियाजा नहीं भुगतने दिया जाएगा। स्टूडेंट्स के ऑब्जेक्शन एक्सेप्ट किए जाएंगे, वहीं इसमें जिसकी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

केस -1

प्रह्लाद कुमार ने दिसंबर में पारा मेडिकल के लिए एग्जाम दिया था जिसमें उन्हें कुल 400 मा‌र्क्स के पेपर में 200 अंक प्राप्त किए। काउंसिल की ओर से जो मा‌र्क्सशीट दी गई है उसमें उन्हें फेल बताया गया है जबकि सर्टिफिकेट में पास हैं। उन्होंने नामकोम स्थित मां कलावती इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर से पढ़ाई की थी।

केस-2

पूनम देवी को झारखंड स्टेट पारा मेडिकल कांउसिल से जो मा‌र्क्सशीट मिला है उसमें वे फेल हैं, लेकिन सर्टिफिकेट पास बता रहा है.पूनम देवी का रोल नंबर 061015 है.उन्होंने भी दिसंबर में ही परीक्षा दी थी। ऐसे में वे समझ नहीं पा रही हैं कि मा‌र्क्सशीट को सही मानें अथवा सर्टिफिकेट को।