रांची(ब्यूरो)। रूसी हमले के बीच राज्य के सैकड़ों युवा यूक्रेन में फंसे हैैं। वहां का माहौल इतना खराब है कि झारखंड के युवा बहुत ज्यादा डरे-सहमे हैैं। वे लगातार वीडियो जारी कर सरकार से गुहार लगा रहे हैैं कि उन्हें किसी तरह वहां से बाहर निकाला जाए। रांची के अलावा पलामू, गढ़वा, लातेहार, गोड्डा, जमशेदपुर, कोडरमा समेत राज्य के कई जिलों के बच्चे यूक्रेन में फंसे हैैं। इनमें ज्यादातर मेडिकल की पढ़ाई के लिए वहां गए हैैं। वे अपने परिजनों से लगातार संपर्क में हैैं। ज्यादातर स्टूडेंट्स बंकरों में छिपे हैैं। लगातार धमाकोंऔर युद्ध की विभिषिका से बच्चे तो सहमे हुए हैं ही, परिजन भी परेशान हैं। वे अब जिला प्रशासन के माध्यम सेे बच्चों की सकुशल स्वदेश वापसी के लिए भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैैं।

रांची के तरुण ने भेजा संदेश

यूक्रेन में फंसे रांची के तरुण प्रसाद ने एक वीडियो संदेश भेजकर प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री से घर वापसी की गुहार लगाई है। तरुण अभी तक सेफ सिटी में हैैं। वे कह रहे हैैं कि हालात कब और किस शहर में बदतर हो जाएं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। दूतावास से संपर्क करने पर भी कोई मदद नहीं मिल रही है। वे जल्द से जल्द भारत लौटना चाहते हैैं। वहीं, चान्हो से मेडिकल की पढ़ाई करने गये दो युवक अक्षय कुमार मिश्रा व प्रणव कुमार मिश्रा व एक युवती ह$िफ•ाा शम्शी भी फंसे हुए हैं। चान्हो के पकरियो गांव निवासी अक्षय मिश्रा के पिता डॉ युगल किशोर मिश्रा ने बताया कि उनका पुत्र व भतीजा वर्ष 2017 मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गये थे।

पलामू के आसिफ ने सुनाई दास्तां

पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर शहर के गायत्री मंदिर रोड सूदना निवासी मो। अनवर आलम का पुत्र आसिफ अनवर उर्फ रजा यूक्रेन के ईवानों शहर में फंसा है। वह वहां इवानो-फ्रेंकिवस्क नेशनल मेडिकल कालेज में थर्ड ईयर का छात्र है। मोबाइल पर आसिफ ने बताया कि इस कालेज में करीब 800 विद्यार्थी भारतीय हैं। बताया गया है कि इस क्षेत्र में हमला होने पर वे लोग बंकर में जाकर शरण लेंगे। कुछ मौकों पर ऐसा किया भी है। पूरी रात दहशत में बीत रही है। सुबह चारों ओर धुआं-धुआं दिख रहा है। छात्रों के अनुसार ईवानों से 200 किमी की दूरी पर पोलैंड व 250 किमी की दूरी पर रोमानिया देश की सीमा है। रोमानिया हंगरी व पौलेंड में हम भारतीयों को दो-तीन दिनों के भीतर यहां से ले जाने की बात हो रही है। पौलेंड व रोमानिया ने शरण देने पर सहमति दी है। ये देश 15 दिनों तक ही भारतीयों को अपने यहां शरण दे सकेंगे।

लातेहार की राजनंदिनी भी फंसी

लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय निवासी मनोज प्रसाद की बेटी राजनंदनी कुमारी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। उसके पिता मनोज प्रसाद और अन्य स्वजन उसकी सुरक्षा को लेकर काफी ङ्क्षचतित हैं। मनोज प्रसाद ने कहा कि जिस प्रकार युद्ध विध्वंसक रूप लेता जा रहा है, उससे उनकी ङ्क्षचता और गहराती जा रही है। इस बीच, पलामू जिले के मोहम्मदगंज बाजार क्षेत्र निवासी महिपाल प्रसाद के पुत्र शुभम यूक्रेन से 24 फरवरी की सुबह घर पहुंच गए हैं।

पिता की सलाह मान लौटी संध्या

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से पहले वहां से निकल चुकी संध्या शालिनी खुद को इस मामले में भाग्यशाली समझती हैं जो उन्हें विकट परिस्थिति का सामना नहीं करना पड़ा। झुमरीतिलैया विशनपुर रोड निवासी जयनगर के क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी रामस्वरूप दांगी की पुत्री संध्या शालिनी यूक्रेन के विनित्सा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की तृतीय वर्ष की छात्रा है। संध्या अपने पिता की बात मानकर गत 13 फरवरी को यूक्रेन से चलकर 15 फरवरी को अपने घर पहुंच गई थी।

कीव में फंसा है शाहरूख, परिवार ङ्क्षचतित

इधर, झुमरीतिलैया असनाबाद निवासी स्व। रफीक अंसारी का पुत्र शाहरूख भी यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसा है। शाहरूख वर्ष 2017 में मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गया था। वह मेडिकल पंचम वर्ष का छात्र है। शाहरूख ने एक वीडियो जारी कर परिजनों से कहा है कि वह पूरे तरह सुरक्षित है, लेकिन वहां की स्थिति काफी खराब है। लगातार बमबारी व हमले हो रहे हैं। विकट परिस्थिति में उसके होस्टल के निकट सुरक्षित बंकर में जाने की सलाह दी गई है। इधर शाहरूख को लेकर उसके परिवारवाले काफी ङ्क्षचतित हैं।