RANCHI : झारखंड विधानसभा चुनाव को जल्द कराने की डिमांड करनेवाली झारखंड को विपक्षी पार्टियों को झटका लग सकता है, क्योंकि चुनाव आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव-2014 को दिवाली और छठ महापर्व के बाद 15 नवंबर के बाद करा सकता है। मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने इसका संकेत दिया है। झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए दो दिवसीय दौरे पर अपनी टीम के साथ आए मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में मीडिया को जानकारी दी। मंगलवार की शाम एटीआई ऑडिटोरियम में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वीएस संपत ने बताया कि झारखंड में कब चुनाव कराए जाएं और इस चुनाव से संबंधित विभिन्न राजनीतिक दलों के क्या सुझाव हैं इसे लेकर सोमवार को उनकी मीटिंग झारखंड में मान्यता प्राप्त दलों के साथ हुई थी।

पार्टियों का था सुझाव

इस मीटिंग में विभिन्न पार्टियों ने कई सुझाव दिए थे। कुछ पार्टियों ने चुनाव आयोग से कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर राज्य के विधानसभा चुनावों के साथ झारखंड में भी विधानसभा चुनाव कराए जाएं, जबकि कुछ दलों ने सुझाव दिया था कि सितंबर से अक्टूबर के बीच झारखंड में बहुत सारे फेस्टिवल हैं। खासकर दुर्गापूजा, दिवाली और छठ जैसे महापर्व हैं। ऐसे में राज्य की जनता इसमें बिजी रहेगी। इसके साथ ही इस दौरान बरसात भी होती है। ऐसे में झारखंड विधानसभा चुनाव 15 नवंबर के बाद ही कराए जाएं। चुनाव आयोग इस सुझाव पर गंभीरता से विचार कर रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने बताया कि झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी नहीं की जाएगी। चुनाव आयोग की टीम महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर का दौरा करके वहां पर विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेगी और इसके बाद चुनाव तारीखों का एलान किया जाएगा।

31 के बाद जारी होगी वोटर लिस्ट

झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर वोटरलिस्ट के रिवीजन का काम चल रहा है। सभी जिलों में अधिक से अधिक लोग वोटरलिस्ट में अपना नाम दर्ज करा सकें इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। मतदाता सूची का काम 31 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा इसके बाद मतदाता सूची जारी कर दी जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची, पोलिंग स्टेशन, विधानसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था और पोलिंग स्टेशन पर सुविधाओं को लेकर उनकी मीटिंग सभी जिलो के डीसी, एसएसपी, इनकम टैक्स ऑफिसर के साथ हुई है। उनको आवश्यक निर्देश जारी किया गया है। इसके साथ ही चुनाव की तैयारियों को लेकर उनकी मीटिंग झारखंड सरकार के चीफ सेक्रेटरी सजल चक्रवर्ती और डीजीपी राजीव कुमार के साथ भी हुई।

नॉमिनेशन से पहले भी बन सकते हैं वोटर

झारखंड विधानसभा चुनाव-2014 में नॉमिनेशन 10 दिन पहले भी लोग वोटरलिस्ट में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग चाहता है कि विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक मतदाता अपने मत का प्रयोग करें, इसके लिए चुनाव आयोग तैयारी कर रहा है।

अभी 2.03 करोड़ हैं वोटर्स

झारखंड में अभी 2 करोड़ 3 लाख वोटर्स हैं, जिनमें 1 करोड़ 7 लाख पुरुष और 96 लाख महिलाएं हैं। चुनाव आयोग चाहता है कि महिला वोटरों की संख्या बढ़े इसके लिए वह विशेष अभियान चालाएगा। विधानसभा चुनाव को लेकर 7.7 लाख लोगों ने मतदाता बनने के लिए अप्लीकेशन दिया है, जिसमें से लगभग 99 परसेंट लोगों का नाम वोटलिस्ट में जुड़ चुका है।

एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में एम्बेसडर

विधानसभा चुनाव में झारखंड के यूथ जिनकी उम्र मतदाता बनने की हो चुकी हैं उन्हें मतदाता बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में कैंपस एम्बेसडर बनाए जाएंगे, जो यूथ को इलेक्शन के लिए अवेयर करेंगे।

विलेज लेवल अवेयरनेस ग्रुप बनेगा

झारखंड के ग्रामीण एरिया के लोग चुनाव में बिना किसी से प्रभावित हुए चुनाव में अपने वोटों का प्रयोग करसकें इसके लिए विलेज लेवल अवेयरनेस ग्रुप बनाया जाएगा। जो वोटर को जागरूक करेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने बताया कि इसके लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है।

बूथ पर सुविधा

पोलिंग बूथ पर वोटर्स को बेसिक मिनिमम सुविधाएं मिले, इसके लिए चुनाव आयोग तैयारी कर रहा है। पोलिंग स्टेशन पर बिजली, पानी के साथ ही सड़क का भी ध्यान रखा जाएगा। पोलिंग स्टेशन पर सुरक्षा की दृष्टि से पैरामिलिट्री फोर्स खासकर सीआरपीएफ की पर्याप्त संख्या में तैनाती की जाएगी।

बुकलेट का विमोचन

मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने मंगलवार को एटीआई आडिटोरियम में इलेक्शन कमिश्नर की उपस्थिति में झारखंड विधानसभा चुनाव एवं मतदाता सूची से अपग्रेडेशन से संबंधित विषय पर झारखंड के सभी कमिश्नर, डीसी, आईजी, डीआईजी और सभी जिलों के सभी के साथ मीटिंग की। इस दिन मुख्य चुनाव आयुक्त ने लोकसभा चुनाव 2014 के स्वीप कार्य से संबंधित बुकलेट और लेाकसभा चुनाव-2014 के महत्वपूर्ण आकंड़ों से संबंधित बुकलेट का विमोचन किया।

बॉक्स

2009 में झारखंड विधानसभा का चुनाव 27 नंवबर से लेकर 18 दिसंबर के बीच पांच चरणों में हुआ था। 23 दिसंबर को वोटों की गिनती हुई थी।

25 दिसंबर- झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था।

27 दिसंबर- गवर्नर ने शिबू सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दिया।

30 दिसंबर-शिबू सोरेन ने राज्य के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

7 जनवरी 2010-शिबू सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया।

27 अप्रैल, 2010- लोकसभा में यूपीए सरकार के खिलाफ लोकसभा में आए अविश्वास प्रस्ताव में शिबू सोरेन ने यूपीए के पक्ष में मतदान किया।

28 अप्रैल- बीजेपी संसदीय बोर्ड ने जेएमएम सरकार से समर्थन वापस लेने का निर्णय लिया। जेएमएम ने सोरेन की गलती के लिए माफी मांगी।

29 अप्रैल- बीजेपी ने जेएमएम सरकार से समर्थन वापस लेने फैसला टाला।

18 मई- बीजेपी और जेएमएम के बीच बारी-बारी से सत्ता के बंटवारे पर सहमति बनी।

20 मई- शिबू सोरेन ने एक बार फिर से यूपीए सरकार के पक्ष में मतदान किया।

24 मई-बीजेपी ने सोरेन सरकार से समर्थन वापस लिया।

30 मई- शिबू सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया।

1 जून- राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा।

7 सितंबर- बीजेपी के अर्जुन मुण्डा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।

9 सितंबर- राष्ट्रपति शासन हटा

11 सितंबर- अर्जुन मुण्डा ने झारखंड के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

7 जनवरी 2012- अर्जुन मुंडा सरकार से जेएमएम ने समर्थन वापस लिया।

8 जनवरी- अर्जुन मुंडा ने सीएम पद से इस्तीफा दिया।

18 जनवरी- झारखंड में तीसरी बार राष्ट्रपति शासन लगा।

9 जुलाई-2013-हेमंत सोरेन ने कांगे्रस के समर्थन से सरकार बनाने दावा पेश किया।

10 जुलाई- गर्वनर डॉ। सैयद अहमद ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश की।

11 जुलाई- राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा

12 जुलाई- हेमंत सोरेन को सरकार बनाने का गवर्नर हाउस से न्योता मिला।

13 जुलाई 2013- हेमंत सोरेन ने झारखंड के नौवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। तीन जनवरी 2015 को झारखंड विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।