RANCHI:भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड के युवाओं ने झारखंड मुक्ति मोर्चा और सोरेन परिवार की राजनीति को पूरी तरह रिजेक्ट कर दिया है। लंबे समय से झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थी कि एक लाख से ज्यादा लोग रांची में रैली में आएंगे। लेकिन रैली पूरी तरह फ्लॉप हो गई और मुट्ठी भर लोग ही इसमें शामिल हुए। हेमंत सोरेन भी हताशा और निराशा से इतने भरे हुए थे कि वह राजनीतिक 'सेंदरा' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने लगे, जिसे किसी भी तरीके से उचित नहीं ठहराया जा सकता है। हेमंत सोरेन को समझना चाहिए कि अब झारखंड के आदिवासी मूलवासी उनके झांसे में नहीं आने वाले हैं।

वादे निभाती हैं केंद्र व राज्य सरकार

झारखंड की जनता जानती है केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने किए वायदों को निभाती है। वह चाहे कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का विषय हो या फिर झारखंड के आदिवासियों मूलवासियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की बात हो। आज हेमंत 25 करोड़ के ठेकों को यहां के स्थानीय लोगों को देने की बात कर रहे हैं, लेकिन जब खुद सत्ता में थे तो उन्होंने यहां के बालू घाटों को ग्राम सभा से छीनकर मुंबई के सौदागरों के हाथ बेच दिया था। झामुमो की कथनी और करनी में यही अंतर है और यही इनकी असलियत भी है। प्रतुल ने कहा कि जिस तरीके से झारखंड मुक्ति मोर्चा की युवा आक्रोश रैली फ्लॉप रही, उससे झामुमो के लिए साफ संकेत है कि उसके राजनीतिक सफर के अंत की शुरुआत हो चुकी है।