-पल्लवी पुरकायस्थ की हत्या के मामले में गार्ड दोषी करार

-मुंबई के सेशन कोर्ट ने हिमालयन हाईट्स के गार्ड को हत्या का दोषी माना

-रेप में विफल रहने पर गार्ड ने कर दी थी पल्लवी की हत्या

-सदमे के कारण बुरी तरह बीमार जमशेदपुर के अवीक की भी अस्पताल में हो गई थी मौत

JAMSHEDPUR: इस सोमवार का इंतजार सबको था। मुंबई की युवा वकील (दिवंगत) पल्लवी पुरकायस्थ के परिजनों को। साथ ही जमशेदपुर निवासी (दिवंगत) अवीक सेनगुप्ता के मां-पापा को भी। 30 जून की दोपहर पल्लवी हत्याकांड में जैसे ही उसके अपार्टमेंट के गार्ड को दोषी ठहराया गया, दोनों परिवारों ने थोड़ी देर के लिए सुकून की सांस ली। पल्लवी और अवीक के परिजनों ने दोषी के लिए फांसी की सजा की मांग की है। उनका कहना है कि यह दो परिवारों को बुरी तरह से झकझोर देने वाला हादसा था। इसमें अदालत को थोड़ी भी नरमी नहीं बरतनी चाहिए। दोनों के परिजन इन दिनों मुंबई में हैं। उन्हें अदालत से इंसाफ की उम्मीद है।

लिव-इन में थे अवीक और पल्लवी

दरअसल, कोलकाता के रहनेवाले आइएएस दंपति अंतनु पुरकायस्थ और सुमिता पुरकायस्थ की 25 वर्षीया बेटी पल्लवी और जमशेदपुर निवासी और टाटा स्टील में बड़े पद पर कार्यरत आलोक सेनगुप्ता के 26 वर्षीय पुत्र अवीक सेनगुप्ता एक-दूसरे से प्यार करते थे। दोनों मुंबई के वडाला इलाके में पॉश हिमालयन हाईट्स अपार्टमेंट के 16 वें फ्लोर पर स्थित अपने फ्लैट में लिव-इन में रहते थे। पल्लवी फरहान अख्तर की कंपनी एक्सेल पिक्चर्स में लीगल एडवाइजर थी, तो अवीक उसी कंपनी में सीनियर लायर थे। पल्लवी और अवीक की पहली मुलाकात पुणे स्थित उनके लॉ कालेज में हुई थी। अवीक वहां पल्लवी का सीनियर था। दोनों की मुलाकात कब प्यार में बदल गई, इसका पता किसी को नहीं चला।

जमशेदपुर आयी थी पल्लवी

पल्लवी के पापा 1983 बैच के आईएएस हैं, जो घटना के वक्त एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट में ज्वाइंट सेक्रेटरी थे। उसकी मां सुमिता पुरकायस्थ टेलीकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट में ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थीं। दोनों दिल्ली में रहते हैं। इसी तरह अवीक के पापा आलोक सेनगुप्ता टाटा स्टील में बड़े पद पर कार्यरत हैं। उसकी मां हाउसवाइफ हैं। दोनों लोग जमशेदपुर में रहते हैं। पल्लवी अपनी हत्या से कुछ ही महीने पहले अवीक के पैरेंट्स से मिलने जमशेदपुर आयी थी। अवीक भी तभी जमशेदपुर आया था।

ऐसे हुई थी हत्या

पल्लवी और अवीक दोनों मुंबई के अपने किराए के फ्लैट में एक साथ रहते थे। कश्मीर निवासी सज्जाद अहमद मुगल इसी अपार्टमेंट में चौकीदारी करता था। वह आते-जाते पल्लवी को देखता था। बकौल सज्जाद, पल्लवी के अल्ट्रा माडर्न पहनावे के कारण सज्जाद उसकी तरफ आकर्षित हो गया। उसने पहले भी एकाध बार पल्लवी को छेड़ने की कोशिश की थी। इसपर पल्लवी ने उसे डांट पिलायी। तबसे वह बदला लेने की फिराक में पड़ गया। 9 अगस्त 2012 को अवीक की नाईट शिफ्ट थी। सज्जाद को इसका पता था। उसने बिजली बनाने का बहाना बनाकर फ्लेट की चाभी चुरा ली। फिर, आधी रात बाद दरवाजा खोलकर घर में दाखिल हो गया और गहरी नींद में सोई पल्लवी के साथ छेड़खानी करने लगा। इस बीच पल्लवी की नींद खुली तो उसने इसका विरोध किया। दोनों में मारपीट भी हुई। उससे रेप की नाकाम कोशिश के बाद सज्जाद ने चाकू से पल्लवी की जीभ काट दी, जिसके कारण कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। इसके बाद सज्जाद चुपचाप नीचे चला आया।

434 पन्ने की थी चार्जशीट

पुलिस ने इस मामले में 30 अक्टूबर 2012 को 434 पन्ने की चार्जशीट दाखिल कर सज्जाद को हत्या, रेप अटेंप्ट, जबरन घर में घुसने समेत कई आरोप लगाए थे। मुंबई के वडाला सेशन कोर्ट की जज रुशाली जोशी ने इसकी सुनवाई करते हुए 30 जून की दोपहर सज्जाद को हत्या और रेप अंटेप्ट समेत कुछ अन्य मामलों का दोषी करार दिया।

अलविदा अवीक

पल्लवी की हत्या से अवीक बुरी तरह टूट गया। वह इस मामले का कंप्लेनेंट भी था। यह हत्या उसके लिए सबसे बड़ा सदमा थी। उसे गहरा अघात लगा था। इस कारण वह बुरी तरह बीमार हो गया। इधर, घटना की सूचना मिलते ही अवीक के पापा आलोक सेनगुप्ता अपनी वाइफ के साथ जमशेदपुर से मुंबई चले गए। अवीक को inflammatory brain disorder हो चुका था। वह गहरे डिप्रेशन में चला गया। धीरे-धीरे उसके शरीर के तमाम अंगों ने काम करना बंद कर दिया। करीब एक साल तक महीम स्थित पीडी हिंदूजा अस्पताल में इलाजरत रहे अवीक की क्ब् नवंबर ख्0क्फ् को उसी अस्पताल में मात्र ख्7 साल की उम्र में मौत हो गई। इसके बाद पल्लवी और अवीक के पैरेंट्स ने आपसी सहमति से अवीक का दाह संस्कार इसी सियोन शवदाह गृह में कराया, जहां पल्लवी का अंतिम संस्कार किया गया था। यह एक दुखद लव स्टोरी थी। दोनों शाहजहां व मुमताज की तरह एक ही जगह दफनाए गए। इस घटना के बाद से अवीक के पापा आलोक सेनगुप्ता और मां मुंबई छोड़कर जमशेदपुर वापस चले आए,