RANCHI: कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण एक बार फिर शिड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) के चक्कर में फंस गया है। नया रेट तय नहीं किए जाने के कारण टेंडर भी नहीं हो पा रहा है, जिससे निर्माण कार्य की समय सीमा बढ़ती जा रही है। इस वजह से जिस फ्लाईओवर को दो साल पहले ही बनकर तैयार हो जाना था, वह अभी तक 30 परसेंट भी पूरा नहीं हो पाया है। रेट से जुड़े पचड़े का निपटारा नहीं होने के कारण इस साल भी फ्लाईओवर का काम पूरा होना संभव नहीं है।

डेढ़ साल से काम बंद

फ्लाईओवर का काम पिछले डेढ़ साल से बंद है। अब तक मात्र 132 पाइल, दो पाइल कैप और एक पीलर की कास्टिंग हुई है। फ्लाईओवर की प्रस्तावित लंबाई लगभग 2300 मीटर है। कांटाटोली फ्लाईओवर का संशोधित डीपीआर तैयार करने के लिए परामर्शी कंपनी को 3 महीनों का समय दिया गया है, जिसके बाद निर्माण के लिए टेंडर किया जाएगा। पहले फ्लाईओवर का निर्माण बहुबाजार की ओर से वाईएमसीए से लेकर कोकर स्थित शांतिनगर तक होना था। लेकिन, अब बहूबाजार की ओर फ्लाईओवर का विस्तार योगदा सत्संग आश्रम तक किया जाएगा।

बढ़ता जा रहा है बजट

2017 की शुरुआत में ही कांटाटोली फ्लाईओवर बनाने का काम नगर विकास विभाग के तहत जुडको ने शुरू किया था। शुरुआत में जमीन अधिग्रहण सबसे बड़ी समस्या बनी, लेकिन इसे सुलझा लिया गया। इसके बावजूद डीपीआर में ही गलती सामने आ गई, जिसके बाद मुख्य डीपीआर की राशि 40 करोड़ से बढ़कर 84 करोड़ कर दी गाई। फिर कई तकनीकी कमियों को देख निर्माण कार्य रुक गया। 84 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में लगभग 20 करोड़ रुपए अब तक खर्च होने का अनुमान है। लेकिन निर्माण के नाम पर एक पीलर भी सही तरीके से खड़ा नहीं हो सका है। ऐसे में फिर से नए सिरे से निर्माण कार्य शुरू होने पर लागत राशि में करोड़ों रुपए का इजाफा तय है।

जाम से हर दिन परेशानी

आलम यह है कि हजारीबाग और टाटा रोड को जोड़ने वाला यह फ्लाईओवर अधूरा पड़ा हुआ है। इसकी वजह से जाम की समस्या भी लगातार हो रही है। निर्माण कार्य की वजह से डस्ट भी ज्यादा उड़ रहा है जो आम लोगों को बीमार भी कर सकता है।

2016 में मिल चुका था अप्रूवल

कांटाटोली फ्लाईओवर के लिए कैबिनेट ने 2016 में अप्रूवल दिया था। 2017 में इसके लिए काम आवंटित किया गया। पर भूअर्जन के कारण काम चालू नहीं हो सका। मई 2018 में भूअर्जन का काम पूरा हो गया। जून 2018 में भूअर्जन से क्लीयरेंस दे दिया गया। इस हिसाब से जून 2020 तक कांटाटोली फ्लाईओवर बनकर तैयार हो जाना चाहिए था। अब इस परियोजना में विस्तार होना है, जिसके बाद इसके मूल बजट में भी बदलाव होगा। वर्तमान में कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण बहुबाजार की ओर वाईएमसीए से लेकर कोकर की ओर शांतिनगर तक हो रहा था, जिसकी लंबाई 1260 मीटर थी। अब तक 132 पाइल की कास्टिंग हो चुकी है। 19 खंभों में दो पाइल कैप और एक पीलर की कास्टिंग हो चुकी है। योगदा सत्संग से फ्लाईओवर का निर्माण कराये जाने से फ्लाईओवर की लंबाई लगभग 2300 मीटर हो जाएगी।

नए एसओआर का प्रस्ताव तैयार

राज्य में विभिन्न परियोजनाओं के लिए एसओआर (शिड्यूल ऑफ रेट) जारी होना है। इसका प्रस्ताव बनकर तैयार है। बता दें कि नई दरों के निर्धारण में जहां कुछ कीमतें बढ़ी हैं, तो कई फिजूलखर्ची भी कम करने में सरकार को सफलता मिली है। एसओआर में आसपास के राज्यों की दरों के साथ-साथ वास्तविक दरों का भी ख्याल रखा गया है। राज्य में हर वर्ष दो हजार करोड़ रुपए से अधिक की सड़कें अलग-अलग एजेंसियां बनाती हैं। पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और नगर विकास विभाग तक अलग-अलग योजनाओं को तैयार कर सड़कें बनवाते हैं। अब सभी विभागों के लिए एक दर निर्धारित होने से कहीं भी फिजूलखर्ची नहीं हो पाएगी।

राज्य सरकार की ओर से नया एसओपी जारी नहीं किया जा सका है। इस कारण कांटाटोली फलाईओवर का टेंडर जारी नहीं किया जा सका है। जैसे ही नया एसओआर लागू होगा उसके बाद टेंडर जारी किया जाएगा। उसके बाद काम शुरू किया जाएगा।

रमेश कुमार, डायरेक्टर टेक्निकल, जुडको