RANCHI: सिटी के हार्ट में डेवलप किया गया करमटोली तालाब और चिल्ड्रेन पार्क देखरेख के अभाव में दम तोड़ता नजर आ रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस पार्क के उद्घाटन को अभी सिर्फ साढ़े चार महीने ही हुए हैं। इसके बावजूद वहां की स्थिति ऐसी हो गई है कि बच्चों का खेलना मुश्किल है। गंदे पानी का जमाव और जगह-जगह पसरी गंदगी ने इस पार्क से आम लोग दूर हो चुके हैं।

कीचड़ में फंस जाते हैं पैर

पार्क में जो बच्चे खेलने आ रहे हैं, वे सी-साव, स्विंग्स, स्लाइड्स, क्लाइंबिंग एलिमेंट्स आदि के नीचे कीचड़ हो गया है। बच्चे जब स्लाइड्स से फिसल कर नीचे आते हैं, तो उनके कपड़े गंदे हो जाते हैं। इतना ही नहीं, तालाब के घाटों में जगह-जगह कचरा फेंका हुआ है। इससे बदबू भी आ रही है।

11.24 करोड़ की लागत

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पिछले साल 22 अक्टूबर को करमटोली तालाब के सौंदर्यीकरण का उदघाटन किया था। 11.24 करोड़ की लागत से करम टोली तालाब का सौंदर्यीकरण किया गया था। जुडको द्वारा 18 माह में इसका जीर्णोद्धार किया गया था। यहां तीन छठ घाट, लैंड स्केपिंग व म्यूजिकल फाउंटेन का निर्माण किया गया है। इसके अलावा यहां चिल्ड्रेन पार्क, सरना स्थल का विकास, पार्किंग व शौचालय का भी निर्माण किया गया है। आकर्षक रंगीन फव्वारा, बैठने के लिए शेड, हरे-भरे लैंड स्केपिंग वाले घास एवं कैफेटेरिया बनाए गए थे। इन सभी की सूरत पिछले साढ़े चार महीनों में बिगड़ चुकी है। यहां आने वाले लोगों का कहना है कि शहर में बने पार्को पर नगर निगम को ध्यान देना चाहिए।

क्या कहते हैं लोग

इस पार्क को काफी आकर्षक बनाया गया था। लेकिन एक गेट में ताला लगाकर लोगों को रेलिंग से तड़पने पर मजबूर कर दिया गया है। इसे खोलना चाहिए।

मुन्ना यादव

कीचड़ के कारण बच्चों को इस पार्क में खेलने से रोक देना मजबूरी हो गई है। इसके साथ ही पार्क के आसपास गंदे पानी के जमाव के कारण परेशानी हो रही है।

रागिनी सिंह

नगर निगम को इस पार्क की देखभाल के लिए किसी अच्छी एजेंसी को काम देना चाहिए। साथ ही अगर लोगों से टैक्स चाहिए, तो टोकन सिस्टम लागू करना चाहिए।

कंचन श्रीवास्तव

शहर के बीचो-बीच एक बेहतरीन पार्क की दुर्दशा बेहद चिंतित करने वाली है। कचरे और कीचड़ के कारण बच्चों का यहां खेलना मुश्किल है। आम लोग बैठ तक नहीं सकते।

प्रतिभा पांडेय