RANCHI: खूंटी सांसद कडि़या मुंडा के आवास पर तैनात मंगलवार को अपहृत तीन जवानों का सुराग तीसरे दिन गुरुवार को भी नहीं चल पाया है। पुलिस लगातार खूंटी के विभिन्न गांवों में सर्च ऑपरेशन चला रही है। साथ ही पुलिस विभाग की ओर से जवानों का पता बताने वाले को ईनाम देने की भी घोषणा की गई है। कहा गया है कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। गौरतलब हो कि नुक्कड़ नाटक टीम की पांच युवतियों से गैंगरेप मामले में पत्थलगड़ी समर्थकों का नाम आने के बाद स्थानीय लोगों ने सांसद के अनिगड़ा स्थित घर पर हमला बोल दिया था। साथ ही वहां तैनात तीन पुलिस जवानों को अपने साथ लेते गए। इसके बाद से बड़ी संख्या में पुलिस बल अपहृत जवानों की तलाश में जुटे हैं, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई सुराग नहीं मिल पाया था।

पुलिस पर दबाव के लिए जवानों को उठाया

स्पेशल ब्रांच की सूचना के मुताबिक, अनिगढ़ा गांव से कडि़या मुंडा के आवास की सुरक्षा में लगे जवानों को पत्थलगड़ी समर्थक अपहरण कर नहीं ले गए हैं, बल्कि उन्हें अपने साथ इसलिए ले गए हैं, ताकि पुलिस पांच युवतियों से गैंगरेप के मास्टरमाइंड जॉनसन तिडू को गिरफ्तार नहीं करे। इसके लिए पत्थलगड़ी का बहाना बनाया गया। जवान को इसलिए ले जाया गया, ताकि पुलिस गैंगरेप के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार न करे।

जुर्माने के डर से ग्रामसभा में आया

गिरफ्तार पत्थलगड़ी समर्थक पारा टीचर ने खुलासा किया है कि स्कूल में पढ़ाई छोड़कर ग्रामसभा की बात मानने आना पड़ा। ग्रामसभा का आदेश नहीं मानने पर 500 रुपए जुर्माना वसूलते हैं।

गैंगरेप का मास्टरमाइंड पुलिस गिरफ्त से दूर

नुक्कड़ नाटक टीम की पांच युवतियों से गैंगरेप का मास्टरमाइंड जॉनसन तिडू आज भी पुलिस गिरफ्त से दूर है। उसी ने सांसद कडि़या मुंडा के आवास पर तैनात गार्ड को मोहरा बनाया। रैफ के जवानों ने पत्थलगड़ी समर्थकों को खदेड़ कर जमकर पीटा। जवाब में पत्थलगड़ी समर्थकों ने भी पुलिस पर पथराव किया। इसमें कई पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए। पुलिस जवानों की खोज में दिन भर घाघरा में सर्च अभियान चलाया। एक-एक घर में घुस कर अगवा किए जवानों की खोज की, पर सफलता नहीं मिली। वहीं, जवानों की इंसास राइफल भी नहीं मिली है।

घायलों की मरहमपट्टी भी कर रही पुलिस

लाठीचार्ज में दो दर्जन पत्थलगड़ी समर्थकों को लगी चोट, पथराव में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए। पुलिस ने पहले कार्रवाई की, फिर जब वे लोग पुलिस गिरफ्त में आ गए तो उनकी मरहमपट्टी भी की गई।