रांची(ब्यूरो)। टीम मैनेजमेंट, लचीलापन एवं दूरदृर्शिता ही एक व्यक्ति को सफल लीडर बनाती है और तभी वह संस्था को आगे ले जा सकता है। बाधाएं आती हैं किन्तु उनसे कैसे बाहर निकलना है। वह मैनेजर नहीं, लीडर ही तय करता है। स्थान परिवर्तन, गलतियां एवं कंपनियों को बदलने से प्राप्त होने वाला अनुभव भी लीडर को मजबूत बनाता है। ये बातें जकार्ता इंडोनेशिया स्थित एडिडास कंपनी के ऑपरेशन डायरेक्टर संजय सिन्हा ने कहीं। सोमवार को वह मारवाड़ी कॉलेज के 1 क्यूएसी सेल व एमबीए विभाग की ओर से आयोजित लीडरशिप डेवलपमेंट सेमिनार को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। मौके पर उन्होंने छात्रों एवं शिक्षकों के उन दस गुणों की चर्चा की, जो एक लीडर में होनी चाहिए।
स्टूडेंट्स ने पूछे सवाल
मौके पर छात्र/ छात्राओं ने अपने प्रश्नों का समाधान पाया। एक छात्र ने पूछा कि अगर टीम में किसी सदस्य में ईष्र्या आ जाए तो टीम फिर कैसे काम कर पाएगी। इसके प्रत्युत्तर में संजय सिन्हा ने समझाया कि यह एक साधारण समस्या है और यहीं लीडर की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। इसके पूर्व प्राचार्य डॉ। मनोज कुमार ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया और बताया कि आगे भी इस प्रकार के आयोजन होते रहेंगे। छात्रों को खुलकर अपनी बातें रखनी चाहिए एवं गुणों का विकास करना चाहिए। कार्यक्रम को सफल बनाने में विभाग के शिक्षक प्रो। तौसिफ अली एहसान, प्रो। संतोष कुमार यादव, प्रो। (डॉ.) प्राची प्रसाद की भूमिका अहम रही। धन्यवाद ज्ञापन प्रो। इंचार्ज एवं समन्यवयक एमबीए विभाग, डॉ। आरआर शर्मा ने किया।