रांची (ब्यूरो) । सरकार का चलना और चलाना एक सतत प्रक्रिया है। इस दौरान चुनौतियां आती रहेंगी और उसका समाधान भी होता रहेगा। इन सबके बीच आपको सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा। आपको एक बेहतर कार्यप्रणाली स्थापित करनी होगी। यह सही है कि निर्णय लेना सरकार का काम है, लेकिन इंप्लीमेंटिंग अथॉरिटी होने के नाते उसे धरातल पर उतारना और उसे लोगों तक पहुंचाना आपका काम है । मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सभागार में नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन सिस्टम के नए स्वरूप झारखंड ऑफिसर टीचर्स फेडरेशन के पहले प्रांतीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए ये बातें कही। उन्होंने सरकार के अंग के रूप में कार्य कर रहे सभी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को ईमानदारी से प्रयास करने को कहा, ताकि झारखंड को सुरक्षित, विकसित और उन्नत राज्य बना सकें।

सरकार उदाहरण कर रही पेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी सरकार ऐसा कार्य करने की दिशा में आगे बढ़ बढ़ रही है, जो पूरे देश के लिए एक उदाहरण पेश कर सके और अन्य राज्य उसे मॉडल के रूप में अपने यहां लागू कर सके। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि एक ऐसा झारखंड बनाएं, जहां का हर व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सके और पूरे मान-सम्मान के साथ जीवन यापन कर सके।

पेंशन बुढ़ापे की लाठी होती है

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेंशन बुढ़ापे की लाठी होती है। अगर यह लाठी आपके पास नहीं होगी तो आज के भौतिकवादी युग में आप को सहारा मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए सरकार ने जहां राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का निर्णय लिया है, वहीं समाज के सभी गरीब, पिछड़े और जरूरतमंद लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर रही है । यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत सभी बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों और एकल महिला को पेंशन योजना से जोड़ा जा रहा है, ताकि उनकी जिंदगी को सुरक्षित कर सके।

हमारी सरकार का दिल भी बड़ा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का आंख -नाक- कान होने के साथ दिल भी काफी बड़ा है। आपकी समस्याओं का समाधान हो, यह हमारा प्रयास होता है। मेरा मानना है कि अगर कर्मचारी संतुष्ट नहीं होगा तो कार्य भी संतोषजनक नहीं होंगे । ऐसे में हमारी सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ आप सभी के कल्याण और इससे जुड़े मुद्दों पर निर्णय लेने का काम कर रही है।

राज्य को मजबूत करने में अहम रोल

सीएम ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बनाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा । हमने राज्य तो लड़कर ले लिया, लेकिन उसे उस मुकाम तक नहीं पहुंचा सके हैं , जहां इसे होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रा'य को अपने पैरों पर खड़ा करने और दिशा देने में सरकारी कर्मचारियों का अहम रोल है , क्योंकि आपकी पहुंच गांव-गांव तक होती है .आप अपने कार्यों को ईमानदारी के साथ पूरा करें तो झारखंड के नवनिर्माण का हमारा प्रयास जरूर साकार होगा।