RANCHI: रांची नगर निगम में काम बढ़ता जा रहा है और कर्मचारी घटते जा रहे है। हर साल दर्जनों कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं। लेकिन रांची नगर निगम में नए कर्मचारियों की बहाली नहीं हो रही है। ऐसे में नगर निगम में बचे हुए कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। काम के बोझ तले कर्मचारी मानसिक रूप से भी बीमार हो हो रहे हैं। इससे वे अपना क्00 परसेंट नहीं दे पा रहे हैं। इसके बावजूद रांची नगर निगम में स्टाफ्स की बहाली नहीं हो रही है। वहीं अगले साल तक एक दर्जन स्टाफ और रिटायर होने वाले हैं। इसके बाद गिनती के स्टाफ बच जाएंगे।

एक तिहाई कम हुए कर्मचारी

नगर निगम में पहले 7ख् सहायक थे, जो नगर निगम में आफिस का काम देखते थे। लेकिन धीरे-धीरे स्टाफ रिटायर होते गए। स्थिति यह है कि निगम में अब ख्भ् स्टाफ बचे हैं। इन्हें कई अन्य अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया गया है। इससे वे अपना रेगुलर काम भी ढंग से नहीं कर पा रहे हैं।

देर रात तक आफिस में काम

काम का बोझ बढ़ जाने के कारण स्टाफ को देर रात तक ऑफिस में रहना पड़ रहा है। वहीं अतिरिक्त प्रभार मिलने के कारण फाइल निपटाने का टेंशन भी है। ऐसे में छुट्टियों में भी आकर स्टाफ काम कर रहे हैं। लगातार काम करते रहने से स्टाफ मानसिक रूप से बीमार हो गए हैं। इसका असर उनके काम पर भी पड़ रहा है। समय देने के बावजूद सभी काम कर पाने में सक्षम नहीं है।

अधिकारियों को लिखा है पत्र

अतिरिक्त प्रभार मिलने और टेंशन के कारण स्टाफ ने रांची नगर निगम के अधिकारियों को पत्र लिखकर प्रभार से मुक्त करने का आग्रह किया है। चूंकि उम्र अधिक हो जाने के कारण कई स्टाफ तनाव झेल पाने की स्थिति में नहीं है। इसके बावजूद अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे है।

आबादी बढ़ी, पर नई नियुक्ति नहीं

रांची में आबादी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। इससे रांची नगर निगम पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। लेकिन आबादी की तुलना में स्टाफ्स की नियुक्ति नहीं हुई। इससे काम प्रभावित हो रहा है। लोगों का काम भी इस वजह से अटक रहा है।

वर्जन

स्टाफ की तो कमी है और काम बढ़ता जा रहा है। काफी दिनों से नगर निगम में बहाली नहीं हुई है। अधिकारी ही इस मामले में निर्णय लेंगे।

नरेश कुमार सिन्हा, पीआरओ, रांची नगर निगम