- होटल, रेस्टोरेंट, सैलून खुलते ही लौटी रौनक

- किसी ने पांच महीने बाद बाल कटवाए, तो कोई पसंदीदा खाना खाने पहुंचा रेस्टोरेंट

- पहले दिन 23 बसें चलीं, रांची से गए 248 मुसाफिर

अनलॉक में और ढील मिलने के बाद मंगलवार को शहर एक बार फिर गुलजार हो गया। पिछले पांच महीनों से बंद पड़े मॉल, होटल, रेस्टोरेंट, सैलून आदि खुले, तो लोगों ने अपनी जरूरतें भी पूरी कीं। हालांकि, पहले दिन बड़ी तादाद में लोग इन पब्लिक प्लेसेज में नहीं उमड़े, लेकिन महीनों बाद खुले इन दुकानों-प्रतिष्ठानों के कारण सिटी में रौनक बढ़ गई। मंगलवार से ही रांची से बसें भी चलने लगीं। यात्रियों ने यात्रा भी की, लेकिन संख्या कम थी। इस दौरान लोग अपनी जरूरतें पूरी करते भी नजर आए। कोई पांच महीने बाद बाल कटवाने सैलून पहुंचा, तो कोई परिवार के साथ लंच के लिए रेस्टोरेंट पहुंचा। इस दौरान सभी जगह सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन किया गया। दूसरी ओर, बस स्टैंड्स में भी लोग पहुंचे। पहले की तरह बहुत ज्यादा भीड़ तो नहीं थी, लेकिन जरूरतमंदों ने अपना सफर पूरा किया। सिटी के खादगढ़ा, आइटीआइ और पटेल चौक स्थित सरकारी बस स्टैंड से धनबाद, रामगढ़, सिमडेगा आदि के लिए बसें चलीं। जिन बसों में 26 यात्रियों को सफर करना था, वहां 10 से 12 यात्री ही पहुंचे।

रेस्टोरेंट : वाट्सअप से लिया ऑर्डर

शहर के रेस्टोरेंट में कोरोना से बचाव के सारे उपाय अपनाए जा रहे हैं। यहां रेस्टोरेंट के बाहर सैनिटाइजर तो रखा ही गया है। थर्मल स्क्री¨नग के बाद ही ग्राहक अंदर जा रहे हैं। यही नहीं, वेटर मास्क के साथ ही फेस शील्ड भी लगाए हुए हैं। ग्राहक के आर्डर देते ही उनका वाट्सएप नंबर ले लिया जाता है। इसी नंबर पर उनके खाने के बिल भी दिए जा रहे हैं ताकि एक दूसरे से संपर्क से बचा जा सके। यही नहीं, रेस्टोररेंट में ऑनलाइन बिल भी जमा कराया जा रहा है। लोग पेटीएम या अन्य तरीके से रेस्टोरेंट का बिल भी चुका रहे हैं।

फास्ट फूड : शाम को दिखी चहल-पहल

शहर में फास्ट फूड की दुकानें भी गुलजार रहीं। मंगलवार को लोग चाउमिन, मोमोज, फ्राइड राइस, चिली चिकन वगैरह का आनंद लेते नजर आए। अलबत्ता, होटलों में पहला दिन होने की वजह से कम लोग पहुंचे।

सैलून : महीनों बाद कटवाए बाल

सिटी के सैलून भी मंगलवार को खुले, तो बाल कटवाने वालों की लाइन लग गई। पीपी कंपाउंड स्थित एक सैलून में ऐसे भी लोग पहुंचे, जिन्होंने पिछले पांच महीने से बाल नहीं कटवाई थी। ऐसे ही एक युवक ने कहा कि उसने कई महीने से बाल नहीं कटवाई थी। अब राहत मिली है। कांटाटोली चौक पर एक सैलून में आए राकेश ने भी कहा कि सैलून खुलने से राहत मिली है। कोकर के रहनेवाले राकेश ने कहा कि गली मोहल्ले में तो एक दिन पहले से ही सैलून खुल गए थे। अब हर जगह सैलून खुलने से परेशानी कम होगी।

बस स्टैंड : खत्म हुआ सन्नाटा

रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड का सन्नाटा टूटा। मंगलवार को थोड़ी बहुत रौनक रही। हालांकि, पहले दिन कम यात्री ही स्टैंड पहुंचे। पहले दिन सवारी कम निकलने से इतनी बसें नहीं चल पाईं जितनी सामान्य दिनों में चला करती थीं। सवारी कम निकलने से 46 सीट वाली बस में मुश्किल से 10- 12 यात्री ही सफर कर रहे थे। पहले दिन, खादगढ़ा बस स्टैंड से 10 और पटेल चौक स्थित सरकारी बस स्टैंड से 13 बसें रवाना हो सकीं। इन 23 बसों से 248 यात्रियों ने सफर किया।

बस स्टैंड की कराई साफ-सफाई

बस स्टैंड से बसों के चलने की अनुमति दिए जाने के बाद भी नगर निगम की ओर से स्टैंड की साफ-सफाई सोमवार तक नहीं कराई गई थी। इस संबंध में दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद मंगलवार को नगर निगम ने दर्जनों सफाई कर्मी लगाकर बस स्टेशन की साफ-सफाई कराई। इसके बाद बस स्टैंड की हालत ठीक हो सकी।

दिन भर हुआ इंतजार

बस स्टैंड पर सैकड़ों बसें लगी रहीं। हालांकि सवारी कम होने से कई जगह के लिए बसें रवाना नहीं हो सकीं। रांची से धनबाद के लिए हर 10 मिनट पर बस मिलती है। रांची से धनबाद के लिए लगभग 60 बस चलती हैं। लेकिन सवारी नहीं होने से पहले दिन रांची से तीन बसें ही धनबाद के लिए रवाना हो सकीं। यही हाल रामगढ़, सिमडेगा, हजारीबाग समेत अन्य शहरों का भी रहा।

नहीं खोला फूड प्लाजा

मुसाफिर कम होने से बस स्टैंड पर और इसके आसपास मौजूद होटल बंद रहे। बस स्टैंड पर स्थित भोजनालय और फूड प्लाजा भी बंद रहे। फूड प्लाजा के बगल में बैठने वाले टिकट विक्रेता रमेश कुमार ने बताया कि फूड प्लाजा के मालिक सुबह आए थे। लेकिन जब देखा कि सवारी कम है तो प्लाजा नहीं खोला।

दो-चार दुकानें ही खुलीं

बस स्टैंड पर नगर निगम द्वारा बनाई गई 44 दुकानें हैं। इनमें से तीन-चार दुकानें ही खुलीं। बाकी दुकानें बंद रहीं। एक दुकानदार सुनील कुमार ने बताया कि अभी ज्यादातर लोगों को दुकानें खुलने के बारे में जानकारी नहीं है। वहीं कुछ लोगों ने जानबूझकर दुकानें नहीं खोलीं। उन्हें मालूम था कि सवारी कम निकलेगी। इसलिए दुकान खोलने से कोई फायदा नहीं है। कोल्ड ¨ड्रक्स, चिप्स और अन्य खाने-पीने का सामान बेचने वाले एक दुकानदार विकास ने बताया कि उसने सुबह चार बजे ही दुकान खोल दी थी। लेकिन इक्का-दुक्का ग्राहक ही आए। दुकान में बिक्री बहुत कम है।