- बाहर दलाल बेच रहे हैं बेड, अंदर मची है अफरातफरी

- सरेआम रिम्स के लिए दलाल लगा रहे हैं बोली

- 50 हजार है वेंटीलेटर वाले बेड की कीमत

- 30 हजार ऑक्सीजन बेड की बोली लगाई

रांची में अब कोरोना से संक्रमित होने का मतलब है बेमौत मरना। शहर में पूरी तरह से मेडिकल एनार्की का माहौल कायम हो चुका है। सरकारी अस्पतालों में बेड की बोली लग रही है। दलाल खुलेआम सौदा कर रहे हैं और वैसे लोगों को सफलतापूर्वक बेड उपलब्ध करा रहे हैं, जो पैसे देने में सक्षम हैं। सबसे ताजा उदाहरण सामने आया है रिम्स का, जहां दलाल 50 हजार रुपए में वेंटीलेटर बेड उपलब्ध कराने का दावा कर रहे हैं। इतना ही नहीं, सामान्य बेड की कीमत भी तय है। आम लोगों को रिम्स के ट्रामा सेंटर में यह कहकर लौटा दिया जा रहा है कि यहां बेड उपलब्ध नहीं है। वहीं दलालों के माध्यम से बैकडोर से एंट्री भी मिल जा रही है।

मिडिल क्लास है परेशान

मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने के मामले में मिडिल क्लास सबसे ज्यादा परेशान है। जिनके पास बड़े-बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल्स में अपने मरीज को भर्ती कराने का पैसे और पैरवी नहीं हैं, उनके लिए सरकारी अस्पताल ही एकमात्र सहारा हैं। जहां इलाज कराने के बाद जान बच जाने की थोड़ी भी उम्मीद है, वहां एडमिट कराने के लिए लोग एड़ी-चोटी का जोर एक कर रहे हैं। इसी क्त्रम में रिम्स के ट्रामा सेंटर में मरीजों को एडमिट कराने की होड़ मची है। इसमें एंट्री आसान नहीं है। अस्पताल के भीतर के लोगों की मिलीभगत से कुछ दलाल वहां एंट्री दिला रहे हैं।

ऐसे हुआ खुलासा

सोमवार को कोरोना संक्त्रमित एक मरीज के परिजन को पता चला कि बरियातू स्थित एक हॉस्पिटल के कर्मचारी की रिम्स के भीतर कुछ सेटिंग है। उन्होंने मरीज की जान बचान की जुगत में उस दलाल से फोन पर बात किया। इस बातचीत की रिकॉर्डिग भी कर ली। बातचीत में दलाल ने स्पष्ट कहा कि वह रिम्स के ट्रामा सेंटर में बेड दिलवा देगा। एक बेड का चार्ज 30 हजार (नॉर्मल ऑक्सीजन) और वेंटीलेटर वाले एक बेड का चार्ज 50 हजार रुपए लगेगा।

अंदर भी अव्यवस्था

मरीजों के परिजन रिम्स और सदर में बार-बार अव्यवस्था का आरोप लगा रहे हैं। डॉक्टर्स और नर्स की कमी इतनी है कि अस्पतालों के भीतर मरीजों के परिजनों को एंट्री दी गई है और सभी अपने-अपने मरीज की देखभाल कर रहे हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन जैसे-तैसे ऑक्सीजन और दवा हासिल कर रहे हैं।

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परिजन और दलाल के बीच बातचीत की रिकॉर्डिग

परिजन - तीन मरीज है, एडमिट करवा दीजिए?

दलाल - दो तो अभी मिल जाएगा, वो भी वेंटी खाली है। जिंदगी बचाना है, तो कुछ भी करना ही होगा।

परिजन - मिल जाएगा सर ?

दलाल - मिल जाएगा, अभी मिल जाएगा।

परिजन - कितना लगेगा?

दलाल - 30 हजार रुपया लगेगा।

परिजन - क्या करना होगा?

दलाल - करना कुछ नहीं। बस वहां जाइगा, आपके सामने भर्ती करके, तुरंत आपके मरीज को ऑक्सीजन लगा दिया जाएगा। उसके बाद आपको पैसा देना होगा।

परिजन - किसको पैसा देना होगा

दलाल - जो लोग वहां आपको एडमिट करेंगे और बेड दिलाएगा, उसको देना होगा। आज ही चार लोग को एडमिट कराए हैं।

परिजन - मैं तैयार हूं। बहुत परेशान हैं हम लोग, तुरंत करवा दीजिए। बताइए कैसे क्या करना है?

दलाल - अभी आप लोग कहां हैं।

परिजन - ट्रॉमा सेंटर के बाहर में खड़े हैं।

दलाल - रुक जाइए पांच मिनट में फोन से बात करके आपको बताते हैं।

एक और रिकॉर्डिग में दलाल ने रेट बताया

दलाल - वेंटी का 50 हजार बोल रहा है और ऑक्सीजन वाला जनरल बेड का 30 हजार।

परिजन - अच्छा, 50 हजार देना होगा।

दलाल - हम अपने लिए नहीं मांग रहे हैं। वहां रिम्स में लोग ये सब कर रहा है। आपको कराना है, तो भर्ती कराइए नहीं तो मत कराइए। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। आप अर्जेंट बोले, तो हम जान बचाने के लिए बात कर दिए। अब आगे आपकी मर्जी।

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