रांची (ब्यूरो)। लोगों को दर्द से उबारने वाली दवा बेदर्द हो गई है। महंगा ऑपरेशन खर्च भी लोगों को मार रहा है। कोविड-19 के बाद मेडिकल ट्रीटमेंट के खर्च में भारी वृद्धि हुई है। दवा की कीमतों में 10-15 परसेंट की वृद्धि हुई है, जबकि ऑपरेशन के खर्च में भी लगभग 20 परसेंट का इजाफा हुआ है। ऑपरेशन खर्च में वृद्धि विभिन्न प्रकार के मेडिकल इक्विपमेंट्स की कीमतों में वृद्धि होने से हुई है। इन इक्विपमेंट्स की कीमतों में सबसे अधिक कोविड-19 के बाद ही वृद्धि दर्ज की गई। इसका सीधा असर मरीजों की जेब पर पड़ा है।
कोरोना के बाद बढ़ा खर्च
दवा और ऑपरेशन खर्च में सबसे अधिक वृद्धि कोरोना काल के बाद हुई है। दवा व्यापारियों का कहना है कि पिछले एक-डेढ़ साल में कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। व्यवसायियों के अनुसार, दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले कंपोजिशंस के रॉ मटेरियल की आपूर्ति चीन से होती है। चीन ने इन सभी रॉ मटेरियल्स की कीमतें बढ़ा दी हैं। इसलिए दवा कंपनियों ने कीमतें बढ़ाई हैं।
ऐसे महंगी हुईं दवाएं
दवा पहले अब
पैन-40 138 151
एजीथ्रल 111.94 119.50
गिरलिनटस 104.63 126
ए टू जेड 105 125
एसीलौक 23.86 36.96
कालपोल 14.69 15.04
पारासिटामोल 14.69 15.04
क्या कहते हैं दवा व्यवसायी
छोटी-मोटी तकलीफों में काम आनेवाली कुछ जरूरी दवाओं की कीमतों में पिछले एक-डेढ़ साल में वृद्धि हुई है। यह वृद्धि 10-20 परसेंट है।
ट्रॉपिकल दवाखना, लाइन टैंक रोड

दवा की कीमतें बढ़ी हैं। कंपनियों की ओर से तय किए गए रेट के आधार पर हमलोग भी बिक्री करते हैं।
आरोग फार्मा, लाइन टैंक रोड

हाल के दिनों में दवा की कीमतें बढ़ी हैं। ग्राहक भी बढ़ी कीमतों की शिकायत करते हैं, लेकिन हम व्यवसासियों के वश में कुछ नहीं है।
साईं मेडिकल, सर्कुलर रोड

क्या कहते हैं सर्जन
ऑपरेशन के खर्चे में वृद्धि हुई है। लेकिन यह वृद्धि डॉक्टरों के चलते नहीं हुई है, बल्कि इसे हॉस्पिटल्स ने बढ़ाया है। कोरोना काल के बाद सर्जरी के इक्विपमेंट्स की कीमतों में वृद्धि हुई। ये इक्विपमेंट्स दूसरे देशों से आते हैं, जिन्हें वर्षो के रिसर्च के बाद बनाया जाता है। कोरोना काल के बाद डॉक्टरों की आय घटी है, जबकि समाज में डॉक्टरों की प्रतिष्ठा गिरी है।
-डॉ विनय कुमार महेश्वरी, लैपोस्क्रोपिक सर्जन

ऑपरेशन चार्जेस को डॉक्टरों ने नहीं हॉस्पटल्स ने बढ़ा दिया है। हम डॉक्टर्स भी हॉस्पिटल के अन्य कर्मचारियों की तरह ही हैं। इसलिए ऑपरेखन खर्च को बढ़ाने और घटाने में हमारा कोई रोल नहीं होता। मौजूदा समय में बड़े पूंजीपति हॉस्पिटल चला रहे हैं। यही वजह है कि इलाज भी महंगा हो गया है।
डॉ गीता, सर्जन, किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन