RANCHI: राजधानी रांची में इन दिनों पॉकेटमारी, छिनतई और बाइक चोरी आम हो गई हैं। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इन अपराधों को नाबालिग अंजाम दे रहे हैं। इसके पीछे शातिर अपराधियों का हाथ है, जो मासूमों को जुर्म के दलदल में शामिल कर रहे हैं। बुधवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें दो नाबालिग बच्चों ने तमाड़ थाना क्षेत्र में पोस्टेड जवान श्याम बहादुर का मोबाइल उड़ा लिया। उन्होंने उन बच्चों को पकड़ कर कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद इनमें से एक को जब पुलिस ने मां से बात कराने के लिए कहा तो उसने फोन किया। फोन पर उसकी मां गीता देवी तीनपहाड़ से बोल रही थी। पहले तो उसने बच्चे को फंसाने की बात कहीं। जब कहा गया कि उसने मोबाइल चोरी किया है, तब कहा गया कि ठीक है, बच्चे को फोन दें। इसके बाद उसने बच्चे से कहा कि घबराना नहीं, वकील साहब छुड़ा लेंगे।

भीख मांगने वाले बच्चे उड़ा रहे पर्स

रांची के भीड़ भाड़ वाले इलाकों में कटोरा लेकर भीख मांगने वाला बच्चा आपका मोबाइल और पर्स टपा सकता है। यह जरूरी नहीं कि वह खाने के लिए दो और पांच रुपए मांग कर चला जाए। इन दिनों ऐसे ही नन्हे हाथों से भीख मांगने की आड़ में चोरी करवाई जा रही है। इसके अलावा अगर आप किसी बच्चे पर मोहित होकर उसे घर खाना खिलाने ले गए तो हो सकता है उस दिन आपके घर के कई कीमती सामान भी गायब हो जाएं।

तीन पहाड़ गैंग का आतंक

पुलिस अधिकारियों की मानें, तो बच्चों को चोरी करवाने वाला शख्स तीन पहाड़ गैंग का सरगना है। जो साहेबगंज जिले के तीनपहाड़ से नाबालिग बच्चों को रांची लाकर चोरी के लिए प्रशिक्षित करता है। इसके बाद उनसे चोरी करवाता है। हाल के दिनों में सरगना ने चोरी के तरीके में थोड़ा बदलाव किया है। अब हाथ में कटोरा या बिना कटोरा लिए भीख मंगवाया जा रहा है। भीख मांगने के दौरान मौका मिलते ही बड़ी सफाई से बच्चे पॉकेट से मोबाइल और पर्स चुरा लेते हैं।

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पकड़े गए बच्चों ने दी कई अहम जानकारी

हाल ही में पकड़े गए नाबालिग बच्चों ने पुलिस को ऐसी कई चौंकाने वाली जानकारी दी है। जैसे गिरोह का सरगना बच्चों से मोबाइल चोरी के बदले प्रति मोबाइल 300 से 500 रुपए तक देता है। बच्चों को मिलने वाले पैसे प्रतिदिन भुगतान कर दिए जाते हैं। पकड़े जाने पर बच्चों को छुड़ाने से लेकर उन्हें संरक्षण देने के लिए वकील भी रहते हैं। पकड़े जाने पर बच्चे हमेशा वकील को फोन करते हैं।