रांची (ब्यूरो)। रांची में दो लाख से अधिक आवास हैं। इनमें से सिर्फ 34 हजार मकान का ही नक्शा आरआरडीए या रांची नगर निगम से पास है। बाकी हाउस होल्डर्स ने या तो नक्शा दिया ही नहीं या फिर किसी न किसी पेंच की वजह से उनका नक्शा निगम में फंसा हुआ है। ऐसे लोगों ने भी अपने घरों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। अब उन्हें भी अपने घर को वैध कराने की चिंता सता रही है। इधर नगर निगम भी लगातार इस मामले को उठा रहा है। मेयर और डिप्टी मेयर दोनों अवैध घरों को वैध कराने पर जोर दे रहे हैं। मेयर का कहना है निगम ने कई महीने पहले ही सरकार को इस पर पूरा प्रस्ताव बना कर सौंप दिया है, लेकिन सरकार इस पर कोई पहल नहीं कर रही है।

हर साल नोटिस जारी करता है निगम

हर साल रांची नगर निगम अवैध मकान मालिकों को नोटिस जारी करता है। भले ही इस नोटिस पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई हो, लेकिन नोटिस मिल जाने के बाद मकान मालिकों की धड़कन बढ़ जाती है। लोग भाग-दौड़ करने लगते हैं। कुछ इलाके तो ऐसे भी हैैं जहां बार-बार नोटिस भेजा जाता है। लोगों को हमेशा यही चिंता सताती रहती है कि न जाने कब कौन सा नोटिस नगर निगम भेज देगा। सरोवर नगर, हीनू नदी, कांके में बने घर मालिकों को कई बार नोटिस भेजा गया है और इन इलाकों में कार्रवाई भी हुई है। इस वजह से इलाके के लोग और भी ज्यादा सहमे रहते हैं। कांके के बढ़ई का काम करने वाले सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि तीन मकान छोड़ कर अमरेंद्र कुमार के घर पर बुल्डोजर चल चुका है। इसे देख कर मेरा पूरा परिवार सहमा रहता है। न जाने कब वे लोग भी बेघर हो जाएं। जीवन की सारी पूंजी जमीन खरीदने और घर बनाने में लगा दी अब अगर कुछ होता है तो पूरा परिवार बर्बाद हो जाएगा। सुरेंद्र ने बताया कि सरकार यदि मकान को वैध करने की नीति लाती है, तो सबसे पहले वे अपने घर को रेगुलराइज कराएंगे।

पीएमएवाई लाभुकों से भी मांग रहा नक्शा

सिर्फ अवैध मकान बनाने वाले ही नहीं बल्कि नगर निगम तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान मालिकों से भी नक्शे की मांग कर रहा है। नगर निगम ने एक लाभुक को नोटिस भेज कर स्वीकृत नक्शे की मांग की है, जबकि प्रधानमंत्री आवास के लिए भवन प्लान का डिजाइन केंद्र सरकार की तरफ से ही स्वीकृत है। अलग से नगर निगम से नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होती है। योजना के तहत लाभुक 386 वर्गफीट (करीब 400 वर्गफीट) का घर बना सकता है। घर बनाने के लिए सरकार एक लाभुक को 2.25 लाख की सब्सिडी देती है, लेकिन निगम ने सारे नियम कानून को दरकिनार करते हुए वार्ड-10 विराज नगर में रहने वाले लाभुक झरिया मुंडा को अवैध निर्माण का नोटिस भेजकर स्वीकृत नक्शे की मांग कर दी है। नोटिस में सहायक नगर आयुक्त का हस्ताक्षर है।

अपार्टमेंट भी हैं शामिल

रांची में एक लाख 70 हजार अवैध इमारतें हैं। इनमें मकान और अपार्टमेंट के अलावा व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी शामिल हैं। इन अवैध इमारतों के मालिकों पर हर साल नगर निगम की तरफ से नोटिस जारी होता रहता है। पिछले साल से अब तक दर्जनों बार नोटिस जारी हो चुका हैं। यही नहीं, झारखंड हाई कोर्ट में भी बराबर सुनवाई चलती रहती है। पिछले साल ही नगर निगम ने अपर बाजार के रंगरेज गली, सुनार पट्टी, जेजे रोड, महावीर चौक रोड, जालान रोड आदि की 50 व्यावसायिक इमारतों के मालिकों को नोटिस जारी किया था। भवन मालिकों को नक्शा दिखाने को कहा गया था। इनमें 90 परसेंट भवन मालिकों ने स्वीकृत नक्शा नहीं दिखाया। नगर निगम ने पहले ढाई सौ भवनों की सूची तैयार की थी, जिन्हें नोटिस भेजा गया। इसके बाद कांके डैम, हिनू नदी और बड़ा तालाब के पास अवैध निर्माण करने वाले 207 भवन मालिकों के खिलाफ केस दर्ज कर नोटिस भेजा गया है।