रांची (ब्यूरो)। रिम्स में लगी एमआरआई और अल्ट्रासाउंड मशीन गुपचुप तरीके से ठीक करा ली गई। लेकिन एमआरआइ और अल्ट्रासाउंड मशीन ठीक होने की जानकारी वहां के मरीजों को नहीं है। मरीज बाहर में महंगी दर पर दोनों जांच कराने को विवश हैं। भीषण गर्मी में दूसरे जिलों से इलाज कराने पहुंचे मरीज के परिजन रिम्स प्रबंधन के इस रवैये से खासे नाराज हैं। मालूम हो कि रिम्स में लगी एमआरआई और अल्ट्रासाउंड मशीन लगभग एक-डेढ़ माह से खराब है। लेकिन रिम्स प्रबंधन के ढुलमुल रवैये के चलते नई मशीन की खरीदारी नहीं की जा रही है।

गंभीर मरीजों की ही एमआरआई

रिम्स में ऐसे मरीज का ही एमआरआई किया जा रहा है जो गंभीर हैं। कम तकलीफ वाले मरीजों को एमआरआइ जांच मशीन खराब बताकर जांच नहीं की जा रही है। वहीं एमआरआई यूनिट के टेक्निशियन ने बताया कि गुरुवार को पांच मरीजों की जांच की गई है। हालांकि बाहर में बैठे मरीज के परिजनों का कहना है कि उन्होंने एमआरआइ और अल्ट्रासाउंड की जांच बाहर से निजी लैब में महंगी दरों पर करायी है।

मशीन खराब है का स्टीकर

एमआरआइ और अल्ट्रासाउंड यूनिट के बाहर केवल एमआरआइ मशीन खराब होने की सूचना चिपकाई गई है। जबकि मरीज एमआरआई और अल्ट्रासाउंड दोनों मशीनें खराब होने की बात कह रहे हैं।

निजी लैब में मरीजों की भीड़

रिम्स के बाहर रैन बसेरा में बनी निजी मनीपाल हेल्थ मैप के जांच घर में मरीजों की भारी भीड़ है। जांच घर के संचालक ने कहा कि उनके यहां जांच की सेवा सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध है।