रांची(ब्यूरो)। सत चित आनंद की प्राप्ति का मार्ग ही वेदांत है। जीवन में शांति रूपी कस्तूरी हमारे अंदर ही अंतर्निहित है लेकिन हम मृग की तरह अपने अंदर दिग्दर्शन न कर बाह्य दुनिया में शांति की तलाश कर रहे हैं। योग, धारणा, ध्यान और समर्पण को अपने व्यवहार में आत्मसात करने की जरूरत है। जीवन की हर परिस्थिति यथा सुख-दुख, हानि-लाभ, जीवन-मरण आदि में सदैव समभाव बने रहना ही वास्तविक योग है। ये बातें योगदा सत्संग सोसायटी रांची के स्वामी सुधानंद गिरीजी महाराज ने वेदांत का समग्र चिंतन विषय पर सरला बिरला यूनिवर्सिटी के सभागार में चल रहे तीन दिवसीय नेशनल सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहीं। अपने भाषण में उन्होंने पारलौकिक ज्ञान का उल्लेख किया।

वेदांत का वर्णन वाणी से परे

वेदांत रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ एचपी नारायण ने कहा कि वेदांत का वर्णन वाणी से परे है। ईश्वर निराकार एवं सर्व व्यापक है तथा समस्त जीवो में अंतर्निहित है। एसबीयू वीसी प्रो। गोपाल पाठक ने कहा कि वेदांत एक जीवन शैली है, जिसमें सेवा एवं परोपकार को महत्व दिया गया है, जो विश्व बंधुत्व की भावना पर आधारित है। भारतीय महिला दार्शनिक परिषद की अध्यक्ष डॉ राजकुमारी सिन्हा ने भारतीय दार्शनिक परिषद के गठन एवं उसके उद्देश्यों की चर्चा करते हुए अभी तक के क्रियाकलापों की विस्तृत जानकारी दी।

एसबीयू के व्यवस्था को सराहा

डॉ छाया राय ने वेदांत के समग्र चिंतन पर संपन्न संगोष्ठी के अनुभव को साझा करते हुए सरला बिरला विश्वविद्यालय की उत्तम व्यवस्था एवं आतिथ्य की सराहना की। डॉ पूनम सिन्हा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के समापन के अवसर पर समापन वृत्त प्रस्तुत करते हुए संपन्न हुए सभी अकादमिक गतिविधियों एवं प्रस्तुत शोध पत्रों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। नेशनल कान्फ्रेंस के संयोजक एवं एसबीयू के मानविकी तथा भाषा विज्ञान संकाय के एसोसिएट डीन डॉ राधा माधव झा ने कान्फ्रेंस में सम्मिलित अतिथियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

एसबीयू ने किया सम्मानित

सरला बिरला यूनिवर्सिटी की ओर से वीसी प्रो गोपाल पाठक द्वारा वेदांत के क्षेत्र में नेपथ्य में रहकर कार्य करने के लिए डॉ मीरा देवी वर्मा, मारवाड़ी कॉलेज रांची के पूर्व प्राध्यापक डॉ। निर्मला पाठक मिश्रा(मरणोपरांत), डॉ इन्दिरा पाठक व आरयू परफॉर्मिंग एंड फैशन आर्ट की डायरेक्टर डॉ नीलिमा पाठक को उनके शैक्षिक योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया। एसबीयू के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने कार्यक्रम की सफलता पर सभी को शुभकामनाएं दी है।