RANCHI: शिक्षा ऐसी हो कि स्टूडेंट्स को डिग्री देने के साथ-साथ उन्हें स्किल्ड भी बनाया जाए। प्रधानमंत्री का भी यही सपना है। पढ़ाई के साथ कौशल विकास हो। म्7 सालों में डिग्रीधारकों की फौज खड़ी हो गई है। हमारी सरकार इसी साल से क्लास नौवीं व दसवीं में कौशल विकास को शामिल करने जा रही है। ये बातें सीएम रघुवर दास ने कहीं। वे शुक्रवार को रांची यूनिवर्सिटी के आर्यभट्ट सभागार में क्7वें नेशनल कांफ्रेस ऑफ एसोसिएशन ऑफ इंडियन कॉलेज प्रिंसिपल्स के आयोजन के मौके पर बोल रहे थे। कांफ्रेस का सब्जेक्ट रेलिवेंस ऑफ डायनेमिक्स इन हायर एजुकेशन था। तीन दिनों तक चलने वाले इस नेशनल कांफ्रेस का आयोजक रांची कॉलेज है।

कैंपस में नो पॉलिटिक्स

सीएम ने कहा कि कॉलेज व यूनिवर्सिटी कैंपस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हो, लेकिन इसे राजनीतिक अखाड़ा न बनाया जाए। कैंपस में राजनीति होती है, तो उसके लिए प्रिंसिपल जिम्मेवार हैं। प्रिंसपल तय करें कि छात्रों व शिक्षकों को विश्वास में लेकर अनुशासन के साथ क्वालिटी एजुकेशन देंगे। लेकिन इसके लिए समर्पण व जुनून चाहिए। सभी अपने-अपने कॉलेज को आदर्श कॉलेज बनाएं। सिर्फ नौकरी न करें, राज्य व देश को संवारने की जिम्मेवारी नेताओं से अधिक प्रिंसिपल की है।

नई शिक्षा नीति पर हो चर्चा

सीएम ने कहा कि शिक्षा का स्वरूप देश की प्रगति व संस्कृति के अनुरूप होना चाहिए। शिक्षा सेवा का माध्यम हो। भ्रष्टाचार, अनाचार, दुराचार के कारण हमारी खराब शिक्षा व्यवस्था नहीं है। कांफ्रेस में नई शिक्षा नीति पर चर्चा करें। शिक्षा ऐसी हो कि छात्र जिज्ञासु बनें। नैतिक व सामाजिक शिक्षा जरूरी है, ताकि समाज में विकृति न आए। प्रकृति ने झारखंड को खूब दिया है। इसे समृद्ध बनाने में शिक्षको की अहम भूमिका हो। सीएम ने कहा कि झारखंड जनजातीय क्षेत्र है। गांवों पर भी फोकस करें। शोध संस्थानों की कमी है। सरकार इसे डेवलप करने की कोशिश में लगी है। इसी कारण उच्च व तकनीकि शिक्षा के लिए अलग विभाग बनाए। अमेटी यूनिवर्सिटी में इसी साल से पढ़ाई शुरू होगी।

रोजगारपरक हो शिक्षा

राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उच्च शिक्षा ऐसी हो कि रोजगार मिले। छात्रों की इच्छा पूरी हो। उद्देश्यपूरक शिक्षा से ही देश विकास के मार्ग पर आगे बढ़ेगा।

क्वालिटी एजुकेशन में अग्रसर

रांची यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ। रमेश कुमार पांडे ने कहा कि उच्च शिक्षा पर ऐसे कांफ्रेस से शिक्षकों व छात्रों को काफी फायदा होगा। हम क्वालिटी एजुकेशन देने की दिशा में अग्रसर हैं। दो शिफ्ट में पढ़ाई शुरू हुई है, ताकि हमारे छात्रों को बाहर न जाना पड़े। इसमें देखना होगा कि कम समय में इसे कैसे अच्छी तरह से लागू किया जाए।

कैंपस में संपूर्ण विकास हो

एआईसीपी के अध्यक्ष प्राचार्य सुभाष ब्रह्मभट्ट ने कहा कि हमलोग कुछ समय के लिए सातवें पे कमीशन के बारे में न सोचकर लक्ष्य के बारे में सोचें, जो हमलोगों से उम्मीद की जाती है। हम अपने कैंपस को छात्रों के संपूर्ण विकास का केंद्र बनाएं। कैंपस में शांति, देशभक्ति, वैश्रि्वक दृष्टि का बीज बोएं। यही हमसे अपेक्षा की जाती है। इस सभी के लिए दृढ़ निश्चय, इच्छाशक्ति व मजबूत संकल्प की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारा देश एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है, लेकिन स्किल्ड लोग कहां हैं, जो हमारे विकास को जारी रखेंगे।

उच्च शिक्षा में कई चुनौतियां

कांफ्रेंस के को-ऑर्डिनेटर सह रांची कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। यूसी मेहता ने कहा कि यह ऐतिहासिक समय है। उच्च शिक्षा में कई चुनौतियां हैं। इससे सकारात्मक तरीके से निपटना होगा। छात्रों को सामाजिक व नैतिक तौर पर मजबूत करने की जिम्मेवारी हमारी है। नई शिक्षा नीति में हम प्राचार्यो का योगदान हो। कांफ्रेस में इन सभी मुद्दों पर चर्चा होगी।