RANCHI : 34वें नेशनल गेम्स घोटाले में आरोपियों से विजिलेंस की टीम फिर से पूछताछ करेगी। यह पूछताछ 22 दिसंबर को होगी। इस बाबत झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के आरके आनंद के अलावा सुरेश कलमाडी और ललित भनोट समेत नेशनल गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी से जुड़े कई मेंबर्स को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा है।

बयान में विरोधाभास

34वें नेशनल गेम्स घोटाले की चल रही जांच के सिलसिले में निगरानी टीम कई आरोपियों से पहले पूछताछ कर चुकी है। जिनसे पूछताछ हुई हैं, उनके बयानों में काफी विरोधाभास है, जबकि दस्तावेजों की जांच में कुछ और बात सामने आई है। यही वजह है कि निगरानी ने इस घोटाले की जांच को लेकर आरोपियों से फिर से पूछताछ करने का फैसला किया है।

इन तारीखों को हो चुकी है पूछताछ

5 दिसंबर: निगरानी की टीम ने 34वें नेशनल गेम्स के घोटाले को लेकर स्टेडियम के मैनेजरों से पूछताछ की थी। स्टेशन मैनेजर कुंदन कुमार, जेपी दास, शंकर पग, उमा रानी व टीके पोददार से पूछताछ हुई थी। इन्होंने सामानों की खरीद बिक्री से संबंधित ब्योरा उपलब्ध कराने और अन्य जानकारी देने से अपनी अनभिज्ञता जाहिर की थी।

10 नवंबर, 2014: 34वें नेशनल गेम्स में बेटी की कंपनी विज क्राफ्ट को काम दिलाने की अनुशंसा को सुरेश कलमाडी ने स्वीकार किया है। इसके बाद किसी भी घोटाले में शामिल होने के लिए सुरेश कलमाडी ने इंकार किया था। सुरेश कलमाडी ने कहा था जब भी जरूरत होगी, वे निगरानी में उपस्थित होंगे।

8 दिसंबर 2014: 34वें नेशनल गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी के वर्किग चेयरमैन रहे आरके आनंद से निगरानी ब्यूरो के कार्यालय में घोटाले से संबंधित पूछताछ की गई थी। पूछताछ में आरके आनंद ने निगरानी को कहा कि उन्हें ही आग्रह पर डाइरेक्टर पीसी मिश्रा को हटाया गया था।

3 दिसंबर 2014: निगरानी ब्यूरो ने भारतीय ओलंपिक संघ के द्वारा गठित स्पो‌र्ट्स इक्विपमेंट्स एवं परचेज कमेटी के चेयरमैन डॉ। ललित भनोट से पूछताछ की थी। पूछताछ में भनोट ने बताया कि उन्हें केवल कागज तौर पर इसका चेयरमैन बनाया गया था। इस घोटाले में शामिल होने से उन्होंने इंकार किया था।