रांची (ब्यूरो)। आरकेडीएफ के सेमिनार में मुख्य वक्ता डॉ जयंत मेटे प्रोफ़ेसर शिक्षा विभाग कल्याणी विश्वविद्यालय इन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से आशय शिक्षा में गुणों का विकास करना या गुणों को समावेश करना नितांत आवश्यक है जिससे छात्रों एवं शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति भली-भांति हो सके। डॉ शांतिनाथ सरकार शिक्षा विभाग कल्याण विश्वविद्यालय उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए जरूरी है कि शिक्षा के उद्देश्य के निर्माण भौतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक पर्यावरण के आधार पर किया जाए। सीखने के लिए उचित पर्यावरण का होना बहुत आवश्यक है। डॉक्टर सुबरण़ कुमार दास पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग जादवपुर विश्वविद्यालय उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि गुणात्मक अनुसंधान करने के लिए एक विधि के रूप में साक्षात्कार का चयन किया जाता है तो हमारे दृष्टिकोण में चातुर्य और संवेदनशील होना महत्वपूर्ण है। प्रोफेसर तारक नाथ पान शिक्षा के पूर्व प्रोफेसर विश्व भारती विश्वविद्यालय इन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षा यदि राज्य समाज की आवश्यकतानुसार उद्देश्य एव लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होती है तो यह समझा जाता है कि शिक्षा गुणवत्ता पूर्ण है। डॉक्टर अशफाक अंजुम डीन एकेडमिक मनु हैदराबाद इन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विकास है शिक्षण की उच्चतम सोपान अर्थात श्रेष्ठता को हम सभी प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं। इस अवसर पर आरकेडीएफ विश्वविद्यालय रांची के शोध निदेशक डॉक्टर शान्तनु विश्वास ,डॉ अवधेश सिंह गौतम ,शैक्षणिक निर्देशिका डॉ अनिता कुमारी ,परीक्षा नियंत्रक डॉ कुमकुम ख्वास, प्रबंधन संकाय अध्यक्ष पंकज चटर्जी, कला एवं मानविकी संकाय अध्यक्ष डॉ शीतल टोप्पनो, तकनीकी संकाय अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन, एवम् विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक -प्राध्यापिकाएं उपस्थित थे । मंच संचालन का कार्य प्रतीक्षा दूबे ने किया।