'तुम टॉपर बन गए'
चंदन ने बताया कि ट्यूज्डे को रिजल्ट निकलने वाला है, इसकी जानकारी थी, पर रिजल्ट देखने खुद नहीं गया। हमारे सहपाठी आशीष मांझा ने दिन के फ्.फ्0 बजे कॉल कर बताया कि मैं स्टेट टॉपर बना हूं। मुझे शुरू में विश्वास नहीं हुआ। मैं खुद साइबर कैफे गया और अपनी आंखों से अपना रिजल्ट देखा। इसके बाद पिताजी को फोन कर स्टेट टॉपर बनने की जानकारी दी। फोन पर ही पिताजी ने कहा- बहुत अच्छा है। आज घर में कुछ मीठा बनवाएंगे
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सेल्फ स्टडी कर पाया मुकाम
चंदन कहते हैं कि पढ़ाई तो हर कोई करता है, लेकिन कैसे पढ़ाई किया जाए, यह सबसे महत्वपूर्ण है। मैं शुरू से ही सेल्फ स्टडी करता आया हूं। पढ़ाई को बोझ नहीं समझा, बल्कि एंज्वॉय करते हुए पढ़ाई की। टॉपर बनने के लिए अलग से कोई पढ़ाई नहीं की। क्लास में 8:ब्भ् बजे से क्:फ्0 तक मन लगाकर पढ़ता था। इसके बाद हर दिन कम से कम पांच घंटा जरूर सेल्फ स्टडी करता था।

पहले इंजीनियरिंग, िफर आईएएस
चंदन ने बताया कि वे आईआईटी से इंजीनियरिंग करना चाहते हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद सिविल सर्विसेज में जाने का इरादा है। वे बताते हैं कि उन्होंने ख्0क्0 में नेतरहाट स्कूल में एडमिशन लिया था। यहां पढ़ाई के दौरान हमेशा टॉपर्स में शामिल रहा। क्लास 7 में चौथा, क्लास 8 में तीसरा, क्लास 9 में दूसरा और मैट्रिक में स्टेट टॉपर बना हूं।