नई उद्योग नीति ----तमाम निवेश योजनाओं में पांच प्रतिशत अतिरिक्त लाभ देने का प्रस्ताव

-पिछली योजना से हर मायने में निवेशकों को कुछ अधिक देने की कोशिश

-उत्पादों के पेटेंट लेने में 50 फीसद तक छूट, स्टेट जीएसटी पर भी राहत

रांची : नई उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन नीति में कई ऐसी बातें हैं तो राज्य में निवेश करनेवाले उद्यमियों को पहली बार लाभ कमाने का मौका दे रही हैं। पिछली बार 2016 में व्यवसायियों को जो प्रस्ताव दिए गए थे उससे पांच फीसद अधिक हर मामले में है और एससी, एसटी एवं महिला उद्यमियों को सामान्य निवेशकों से पांच फीसद अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। उद्योगपतियों को वित्तीय निवेश में राहत दी जा रही है तो टैक्स भुगतान में भी। यही नहीं, उत्पादों का पेटेंट लेने में खर्च होनेवाली राशि में भी सरकार 50 फीसद तक वहन करेगी। स्टार्टअप के साथ उद्योग जगत में प्रवेश करनेवालों के लिए यह सुनहरा मौका होगा।

कई प्रस्तावों में फेरबदल

पूर्व में दिए गए प्रस्तावों में कुछ फेरबदल भी किए गए हैं। पहले जहां सभी प्रकार के उद्योगों के निबंधन पर स्टांप ड्यूटी माफ था वहीं अब स्टांप ड्यूटी वापस लौटाने का प्रविधान किया गया है। गुणवत्ता एवं पेटेंट से संबंधित मामलों में जहां पहले सरकार से 50 प्रतिशत तक मदद दी जाती थी वहीं इसे बढ़ाकर शत-प्रतिशत कर दिया गया है। स्टेट जीएसटी पर भी पूर्व में देय 75 फीसद लाभ को बढ़ाकर सौ फीसद कर दिया गया है।

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एमएसएमई सेक्टर

2016 की नीति - दो करोड़ तक के फिक्स्ड कैपिटल निवेश के हिसाब से 20 फीसद सब्सिडी, एससी-एसटी और महिलाओं को 5 फीसद अधिक लाभ।

2021 की नीति - एक करोड़ के कैपिटल निवेश पर छोटी कंपनियों को 25 प्रतिशत सब्सिडी तो 5 करोड़ के निवेश पर मध्यम उद्योगों को इतना ही लाभ।

बड़े उद्योग :

2016 की नीति - 20 करोड़ रुपये तक के कैपिटल निवेश पर 20 प्रतिशत तक सब्सिडी। कई हिस्सों में बांटकर दिया जाता था लाभ। मशीनों, प्रदूषण नियंत्रण और कर्मचारियों के कल्याण जैसे मानक तय थे।

2021 की नीति - 30 करोड़ रुपये तक के कैपिटल निवेश पर 30 फीसद सब्सिडी का लाभ सीधे मिलेगा। महिलाओं, एससी और एसटी उद्यमियों को 5 प्रतिशत का अतिरिक्त लाभ देने का वादा।

मेगा उद्योग

2016 की नीति - 20 करोड़ रुपये तक के कैपिटल निवेश पर 20 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ। इसकी गणना प्लांट एवं मशीनरी पर खर्च, कैप्टिव पावर, प्रदूषण नियंत्रण जैसे मानकों के आधार पर।

2021 की नीति - 30 करोड़ रुपये तक के कैपिटल निवेश पर 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। महिलाओं, एसटी व एससी बिरादरी को पांच प्रतिशत का अतिरिक्त लाभ।

गुणवत्ता प्रमाणपत्र और पेटेंट निबंधन

2016 की नीति - बीआइएस एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से गुणवत्ता प्रमाणीकरण एवं पेटेंट प्राप्त करने में 10 लाख रुपये तक की कुल लागत पर 50 फीसद तक सहयोग।

2021 की नीति - अब कंपनियों को शत-प्रतिशत खर्च का भुगतान किया जाएगा। सभी प्रकार की कंपनियों के लिए इसकी ऊपरी सीमा अभी भी 10 लाख रुपये ही रखी गई है।

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हमने उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए तमाम सुविधाएं देने की बात कही है। झारखंड में उद्योगों की संख्या बढ़ाने और पुराने उद्योगों को पटरी पर लाने का काम तेजी से शुरू हो गया है और यह एक मुकाम तक पहुंचेगा। कई उद्यमियों ने नई नीति की सराहना भी की है।

जितेंद्र कुमार सिंह, निदेशक, उद्योग विभाग।