RANCHI : ये खुद भी पढ़ाई कर रहे हैं और बच्चों का भविष्य भी संवार रहे हैं। ये अपनी पॉकेट मनी से जरूरतमंद बच्चों की खुले दिल से मदद भी कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं निफ्ट और सीआईटी के स्टूडेंट्स की। इंजीनियरिंग कर रहे ये स्टूडेंट्स बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ स्टडी मैटेरियल्स भी अवेलेबल करा रहे हैं। इनका कहना है कि बच्चों को पढ़ाने से जो खुशी मिल रही है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं। बच्चों की खुशी देखकर दिल को काफी सुकून मिल रहा है।

सीआईटी में 'हेल्पिंग हैंड'

सीआई में बीटेक थर्ड ईयर के स्टूडेंट राज चौधरी के मुताबिक, दोस्तों के साथ मिलकर गरीब बच्चों को पढ़ाने की योजना बनाई। खासकर वैसे बच्चे, जो पढ़ना तो चाहते हैं, लेकिन पैसे की तंगी के कारण इससे महरुम थे। हमारे लिए इन बच्चों को पढ़ाना व उनके लिए स्टडी मैटेरियल्स उपलब्ध कराना बड़ा चैलेंज था। पर, हमने ठान लिया था कि अपने इस मकसद को हर हाल में पूरा करना है। इसके लिए दोस्तों की टीम बनाई। इस टीम को हेल्पिंग हैंड नाम दिया गया। इसके बाद हमने बच्चों की जिंदगी संवारने का काम शुरु कर दिया, जो लगातार जारी है।

जरूरतमंदों की कर रहे मदद

निफ्ट के स्टूडेंट्स की यह टीम ना सिर्फ गरीब बच्चों को पढ़ा रही है, बल्कि जरूरतमंदों की बढ़-चढ़कर मदद भी कर रही है। इसके लिए वे अपनी पॉकेट मनी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा वे लोगों से भी सहयोग की अपील कर रहे हैं, ताकि गरीब बच्चों की पढ़ाई और ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों की मदद की जा सके।

60 बच्चों को दे रहे हैं तालीम

हटिया स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फाउंड्री एंड फोर्ज टेक्नोलॉजी (निफ्ट) के स्टूडेंट्स भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। इन्होंने कर्तव्या नाम से एक टीम बनाई है। इस टीम के मेंबर्स बच्चों को हर दिन एक-एक घंटे पढ़ाते हैं। इतना ही नहीं, बच्चों को ये स्टडी मैटेरियल्स भी उपलब्ध करा रहे हैं। निजी स्कूलों में बच्चों के एडमिशन व पढ़ाई का भी खर्च ये स्टूडेंट्स उठा रहे हैं। टीम के ज्वाइंट सेक्रेटरी अभिमन्यु चौहान ने बताया कि अभी 60 बच्चों को वे पढ़ा रहे है। इसमें स्पांसर्ड बच्चों की संख्या 30 है।