रांची(ब्यूरो)। कोरोना की पहली, दूसरी व तीसरी लहर में हजारों लोगों की जान चली गई। लेकिन रांची जिला प्रशासन के डेटा के अनुसार, सिर्फ 1600 के करीब लोग हैं जिनकी मौत कोरोना के कारण हुई है। इन 1600 लोगों में से सिर्फ दस प्रतिशत परिजनों को ही मुआवजा मिला है। यानी 90 परसेंट मृतकों के परिजनों को आज भी मुआवजे का इंतजार है। सरकार ने कोरोना के कारण मरने वालों के परिजनों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।
रांची में 204 को मुआवजा
रांची में अब तक 204 मृतकों के परिजनों को ही मुआवजा के तौर पर 1.2 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। जबकि रांची जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि जिलेभर से 445 आवेदन ही लोगों ने दिए हैं, इनमें से 204 मृतकों के परिजनों को मुआवजा दे दिया गया है। बाकी बचे आवेदनों की जांच-पड़ताल की जा रही है।
सीओ ऑफिस में ही आवेदन रद
सबसे खास बात यह है कि अंचल कार्यालय में ही अधिकतर आवेदन रद्द कर दिए जा रहे हैं। जिन कोरोना संक्रमितों की मौत हॉस्पिटल में हुई है और कागज पर कोरोना के दौरान मौत बताई गई है उसे ही कोरोना से मौत माना जा रहा है। अधिकतर आवेदन अंचल कार्यालय से आगे बढ़ ही नहीं रहे हैं।
केस-1
बूटी मोड़ के रहने वाले राजेश कुमार ने बताया कि अपने भाई की कोरोना से हुई मौत का मुआवजा लेने के लिए कई बार आवेदन दिया, लेकिन हर बार आवेदन रद्द कर दिया जा रहा है। अंचल कार्यालय में भी आवेदन दिया। वहां से भी कुछ नहीं हुआ तो ऑनलाइन भी आवेदन दिया, लेकिन कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है।

केस-2
नामकुम सदाबहार चौक के रहने वाले राजेंद्र कुमार के पिताजी की मौत कोरोना से हो गई थी। उन्होंने अंचल कार्यालय में आवेदन दिया लेकिन अंचल कार्यालय से आवेदन आगे बढ़ा ही नहीं। वहीं, अस्पताल से जो कागजात दिया गया है उसमें कोरोना नहीं लिखा गया है, जिसके कारण उनका आवेदन रिजेक्ट हो रहा है।

इस तरह के आवेदन आ रहे हैं
-कोरोना काल में तबीयत बिगड़ी और घर में ही हार्ट अटैक से मरीज की मौत हो गई। परिजनों को पता ही नहीं चला कि मौत का कारण क्या था, लेकिन मुआवजा लेने के लिए आवेदन कर दिया।

- कई ऐसे आवेदकों ने मौत से जुड़े जो कागजात जमा किए थे उसमें कोरोना का जिक्र ही नहीं था। दूसरी बीमारियों के कारण मौत में भी आवेदन कर दिए गए। इनमें सड़क दुर्घटना या अन्य किसी बीमारी से व्यक्ति की मौत के भी आवेदन शामिल हैं।
ऑनलाइन भी कर सकते हैं आवेदन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और भारत सरकार के निर्देश से कोरोना के कारण जिनकी मौत हुई है, उनके आश्रितों को 50 हजार का मुआवजा दिया जाना है। मृतक के परिजन सीओ, एसडीओ या डीसी के ऑफिस में आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
ये कागजात देना है जरूरी
-कोरोना से मौत होने के बाद मुआवजा लेने के लिए कुछ कागजात देना जरूरी है, जिसमें कोरोना से मृत्यु के संबंध में सेल्फ अटेस्टेड प्रमाण पत्र, दावा प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति का पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस इनमें से कोई भी एक। वहीं, डॉक्टर या अस्पताल द्वारा दिया गया वैसा कागज, जिसमें मरीज की मौत का कारण कोरोना बताया गया हो।

कोरोना से जिनकी मौत हुई है, उनके परिजन को 50 हजार रुपए दिया जाना है। जिन लोगों का आवेदन सही कागजात के साथ जमा किया जा रहा है, उनको पैसा दिया जा रहा है, जिनका पेपर सही नहीं है, उनकी जांच हो रही है।
राजेश बरवार, एसी रांची