आखिर यह सेवा किसके लिए
इसका जीता जागता उदाहरण रविवार को रिम्स सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल के बाहर देखने को मिला, जहां सुबह से ही एक लावारिस महिला तड़प रही थी और 200 मीटर की दूरी पर खड़ी एंबुलेंस ने मरीज को हास्पिटल पहुंचाने से साफ इनकार कर दिया। काफी देर बाद एक व्यक्ति ने इसकी सूचना रिम्स को दी तो महिला को स्ट्रेचर पर लादकर इमरजेंसी पहुंचाया गया। गौरतलब हो कि झारखंड सरकार ने 15 नवंबर को 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सर्विस की शुरुआत की थी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब मरीजों को इसका लाभ ही नहीं मिल पा रहा है, तो आखिर यह सेवा किसके लिए शुरू की गई।

डॉक्टरों ने भी नहीं दिया ध्यान
रिम्स सुपरस्पेशियलिटी बिल्डिंग के सामने रोड से लोग जा रहे थे, लेकिन किसी ने भी बेसुध पड़ी महिला पर ध्यान नहीं दिया। इस दौरान कई अधिकारी और डॉक्टर भी उसी रास्ते से गए, लेकिन किसी की नजर रोड किनारे महिला पर नहीं पड़ी। इतना ही नहीं, उस वक्त पुलिस की पीसीआर वैन भी पास से गई लेकिन उन्होंने भी महिला को नहीं देखा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गाडि़यों में बैठने वाले अधिकारियों से किसी तरह की मदद की उम्मीद नहीं की जा सकती।

रिम्स इमरजेंसी में भी देर से शुरू हुआ इलाज
108 एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलने पर महिला को स्ट्रेचर की मदद से इमरजेंसी पहुंचाया गया। लेकिन वहां भी उसका तत्काल इलाज शुरू नहीं किया गया। काफी देर तक वह इमरजेंसी में स्ट्रेचर पर पड़ी रही। इस दौरान न तो कोई डॉक्टर उसे देखने आया और न ही किसी नर्स ने मरीज को अटेंड किया। काफी देर बाद डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया।

कचरा चुनने वाली महिला ने ओढ़ाया शॉल
रोड पर लावारिस हालत में पड़ी महिला के शरीर पर पूरा कपड़ा भी नहीं था। इस बीच वहां से कई लोग गुजरे पर उसपर ध्यान नहीं दिया। तभी वहां से कचरा चुनने वाली एक महिला की नजर उस पर पड़ी। उसने मानवता दिखाते हुए तत्काल अपना शॉल निकालकर महिला का शरीर ढक दिया।

केस-1
तड़पती रही महिला, 50 मीटर खड़ी रही एंबुलेंस

108 एंबुलेंस से महज 50 मीटर की दूरी पर थाना टोली की रहने वाली रूबी देवी दर्द से कराहती रही, लेकिन उसे एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया। वहीं 108 पर कॉल करने पर रेफर के कागजात दिखाने की मांग की गई। बार-बार रिक्वेस्ट करने पर भी जब उसे एंबुलेंस नहीं मिली, तो उसके परिजन तत्काल उसे ऑटो में चढ़ाकर रिम्स ले गए।

केस-2
तड़पता रहा मासूम, ओरमांझी चली गई एंबुलेंस
सदर हास्पिटल में सूरज नामक बच्चे को डायरिया की शिकायत पर इलाज के लिए लाया गया था। लेकिन उसकी स्थिति को देखते हुए रिम्स रेफर कर दिया गया। इस बीच उसके परिजन 108 एंबुलेंस से मदद मांगने गए। लेकिन एंबुलेंस को ओरमांझी में मरीज को अटेंड करने को कहा गया। जबकि अटेंडेंट ने 108 पर पहले बच्चे को रिम्स पहुंचाने की गुहार लगाई।