रांची (ब्यूरो)। सदर अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। इस कारण मरीजों को सदर अस्पताल से रिम्स रेफर किया जा रहा है। वहीं सदर अस्पताल के सिविल सर्जन विनोद कुमार का दावा है कि अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है। काम करने के डर से कर्मचारी इंजेक्शन न होने की बात कहते हैं। यदि इंजेक्शन नहीं होने की बात कही जा रही है तो शिकासत मिलने पर ऐसे कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।

मरीज को किया रेफ र

चार दिनों पूर्व रात में सांप काटे हुए मरीज को इंजेक्शन नहीं होने की बात कहते हुए लौटा दिया गया, जबकि रविवार को भी अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि वेनम इंजेक्शन नहीं है। कर्मचारियों ने कहा कि अस्पताल में केवल एविल और डेक्सोना इंजेक्शन ही है। इसलिए यदि मरीज लाए हैं तो रिम्स में रेफर करना होगा।

बरसात में केसेज बढ़े

रांची समेत राज्य भर में मॉनसून की बारिश शुरू होते ही सांप काटने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। शहरी क्षेत्र के लोग सांप काटने पर अस्पतालों की ओर दौड़ते हैं, जबकि रूरल एरिया में कई लोग झाड़-फूंक कराने लगते हैं, जिससे मरीज के इलाज में विलंब होता है और उसकी मौत भी हो जाती है।

बरसात में ही क्यों काटते हैं सांप

बरसात के मौसम में सांप के बिल में पानी भर जाता है, जिससे सांप सुरक्षित स्थान खोजने के लिए बाहर निकलते हैं। ऐसे में कई बार सांप लोगों के घरों में घुसकर पनाह लेते हैं। ऐसी स्थिति में सांप काटने की घटनाएं सुनने को मिलती हैं।

इंजेक्शन रखना अनिवार्य

सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन अनिवार्य रूप से रखना है। एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन मरीजों को फ्री में देने का प्रावधान है। सांप काटने पर गंभीर मरीज को इंजेक्शन की जरूरत ज्यादा होती है। समय पर इंजेक्शन नहीं देने से मौत हो जाती है।

सांप काटने पर इलाज जरूरी

जहरीला सांप काटने पर संबंधित व्यक्ति के लिए इलाज कराना बेहद जरूरी होता है। यदि किसी को जहरीले सांप ने काटा है तो ऐसे मरीज के पास अधिक से अधिक एक घंटे की मोहलत होती है। इस बीच इलाज शुरू हो जाने से जान बच सकती है। यही वजह है कि सभी जिलों के सदर और अन्य प्रमुख सरकारी अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन रखवाए जाते हैं, ताकि मरीज के परिजनों क ो इस इंजेक्शन के लिए भटकना नहीं पड़े।

क्या है वेनम इंजेक्शन

सांप काटने पर स्नेक एंटी वेनम इंजेक्शन बहुत प्रभावी होता है। यह दवा शरीर में पहुंचते ही सांप के जहर से मुकाबला करने लगता है और उसके प्रभाव को खत्म करने लगता है।

सदर अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है। अस्पताल में यदि कोई डॉक्टर या मरीज ड्यूटी के दौरान इंजेक्शन नहीं होने की बात कहता है तो यह घोर लापरवाही है। ऐसे कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।

-विनोद कुमार, सिविल सर्जन, सदर अस्पताल, रांची