रांची (ब्यूरो)। राजधानी में बच्चों के खेलने के मैदान को किसी की नजर लग गई है। खेल के मैदानों को घेरकर, खूबसूरत पौधे और कंक्रीट की आधारभूत संरचना वाले दर्जनों पार्क बना दिए गए हैं, लेकिन ये खूबसूरत पार्क बढ़ते बच्चों के लिए किसी काम के नहीं हैं। बच्चे खेल के मैदान से दूर होते जा रहे हैं। मैदान में दोस्तों से मिलकर उनका मानसिक और सामाजिक विकास भी हो रहा था। लेकिन अब पार्क बन जाने से बच्चे घरों में ही कैद होकर रहे गए हैं। कोविड-19 के दुष्प्रभाव ने पहले ही बच्चों को कैद में कर दिया है। कोरोना केसेस कम होने के बाद बच्चे खेल के मैदान में जाने को उत्साहित थे। लेकिन उनके उत्साह को बड़ों ने छीन लिया और मैदान को पार्क के रूप में बदल दिया। प्ले ग्राउंड खोकर बच्चे मोबाइल और टीवी के और नजदीक आ गए हैं। इससे उनका शारीरिक विकास रुक सा गया है।
कहां-कहां बनाए गए पार्क
नगर निगम की ओर से रांची के दर्जनों इलाकों में पार्क बनाए गए हैं, जिसमें हरमू हाउसिंग कॉलोनी में तीन-चार पार्क बनाए गए हैं। इनमें सरदार पटेल पार्क, लोकनायक जयप्रकाश नारायण पार्क, हरमू हाउसिंग कॉलोनी स्थित साकेत विहार के पास बना नवनिर्मित पार्क तथा अरगोड़ा हाउसिंग कॉलोनी समेत अन्य स्थानों पर पार्क बनाए गए हैं।
क्या कहते हैं बच्चे
यहां पार्क की जगह खुला मैदान था, जहां हमलोग खेलते थे, लेकिन पार्क बन जाने से नहीं खेल पा रहे हैं।
-निशांत पांडेय, सरदार पटेल पार्क, हरमू

यह मैदान मेरे घर के सामने था, लेकिन अब पार्क बन जाने से हमलोग फुटबॉल और कबड्डी नहीं खेल पा रहे हैं।
-शुभचंद्र, लोकनायक जयप्रकाश नारायण पार्क, हरमू

पार्क बन जाने से हम बच्चों के लिए खेलने की जगह ही नहीं बची है। वहीं सुबह-शाम खेलने के लिए घर से दूर जाने की अनुमति नहीं मिलती है।
-सुशील कुमार, साकेत विहार के पास स्थित पार्क, हरमू

पार्क बनने से हम सभी को दिक्कत हो गई है। खेलने के दौरान पौधों को नुकसान होने का डर रहता है। इसलिए खुल कर नहीं दौड़ पाते।
नभ कुमार ठाकुर, अरगोड़ा हाउसिंग कॉलोनी

क्या कहते हैं बड़े-बुजुर्ग
पार्क बनने से बच्चों का खेल प्रभावित हुआ है। वहीं जो पार्क बने हैं वे भी बंद हैं। बच्चे और बड़े सभी को परेशानी हो रही है।
-एचएन मौर्य, सरदार पटेल पार्क

घर के पास मैदान में पार्क बन जाने से बच्चे दौडऩे वाला खेल नहीं खेल पाते हैं। उन्हें किसी चीज से टकराने का डर रहता है। मैदान रहने से ऐसा नहीं होता।
कुमारी पूनम माला, लोकनायक जयप्रकाश नारायण पार्क, हरमू

पार्क बना देने से बच्चों को खेलने में दिक्कत हो गई है। निगम को ओपेन स्पेस में पौधे लगाना चाहिए। ताकि बच्चे खुलकर कोई भी खेल खेल सकें
उमंग भूषण, अरगोड़ा हाउसिंग कॉलोनी पार्क

क्या कहते हैं खेल से जुड़े लोग
बच्चों के लिए खेल का मैदान जरूरी है। मैदान में खेलने से बच्चों के बीच आपस में प्रेम बढ़ता है और वे एक-दूसरे से सीखते हैं।
चंचल चटर्जी, पूर्व क्रिकेटर

बच्चों को आजकल खेल की गतिविधियों से दूर कर दिया गया है और उन्हें पढ़ाई तक ही सीमित कर दिया गया है। पार्क बनाने से बच्चों का शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा।
-संतोष प्रसाद, महासचिव, झारखंड जंप रोप एसोसिएशन

बच्चों का विकास पार्क में घूमने से नहीं होगा, बल्कि खुले मैदान में दौडऩे से होगा। बच्चों के लिए पार्क नहीं मैदान अधिक जरूरी है।
विजय शंकर, महासचिव, हॉकी झारखंड

बच्चों के लिए खेल का मैदान जरूरी है। पार्क को अलग से बनाने की जरूरत है। गली-मुहल्लों के मैदान को पार्क नहीं बनाना चाहिए।
हरीश कुमार, प्रशिक्षक, कबड्डी