रांची (ब्यूरो): सलाना करीब 10 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, इसके बावजूद स्टेडियम की हालत बदतर होती जा रही है। हर स्टेडियम का एसीपी उखड़ रहा है। इसका संचालन झारखंड स्पोट्र्स प्रमोशन सोसाइटी करती है, जो झारखंड सरकार और सीसीएल की एक ज्वाइंट वेंचर है।

रख-रखाव का जिम्मा सीसीएल का

मेगा स्पोट्र्स कांप्लेक्स के किसी न किसी स्टेडियम में गेम होता है। यहां हमेशा नेशनल इंटरनेशनल लेबल के प्लेयर्स पहुंचते हैैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर का मेगा स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स 650 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया था। इस पूरे कॉम्प्लेक्स में 9 इंटरनेशनल स्तर के स्टेडियम हैं। इनके रख-रखाव का जिम्मा सीसीएल का है।

तीन साल में हुआ था तैयार

साल 2006 में होटवार में मेगा स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इस पूरे कॉम्प्लेक्स को तैयार करने में लगभग तीन साल लग गए थे। पहली बार साल 2011 में नेशनल गेम्स का आयोजन इस स्टेडियम के अलावा राज्य के और 2 स्टेडियम में किया गया था। हालांकि सबसे ज्यादा गेम इसी कैंपस में आयोजित हुए थे। 34 वें नेशनल गेम के आयोजन के बाद इस परिसर के रखरखाव का जिम्मा सीसीएल को दिया गया। झारखंड सरकार ने सीसीएल के साथ मिलकर जेएसएसपीएस का गठन किया। इसके जरिए पूरी मेंटेनेंस की देखरेख की जाने लगी।

बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर

करीब 235 एकड़ एरिया में बने मेगा स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में राष्ट्रीय खेल का शानदार आयोजन किया गया था। देश-विदेश के खिलाडिय़ों ने इस स्टेडियम की काफ तारीफ भी की थी। ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर वाला स्टेडियम देश के किसी भी रा'य में नहीं है। इसलिए भी खिलाड़ी इस कॉम्प्लेक्स में आने के बाद काफी सुकून महसूस करते थे और इसकी तारीफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने लगी थी।

मेगा स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स के स्टेडियम

-बिरसा मुंडा स्टेडियम -35 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है। यह मुख्य एथलेटिक्स स्टेडियम है।

-शहीद टिकैत उरांव सिंह शूटिंग स्टेडियम -2 हजार दर्शक एक साथ बैठकर खेल का आनंद ले सकते हैं।

-टाना भगत इंडोर स्टेडियम-वॉलीबॉल और बॉस्केटबॉल के साथ-साथ कराटे के लिए है यह स्टेडियम। यहां भी 2 हजार दर्शक एक साथ बैठ सकते हैं।

-वीर बुधु भगत एक्वेटिक स्टेडियम -क्षमता 4 हजार दर्शकों की है। यहां स्वीमिंग इवेंट आयोजित किए जाते हैं।

-शहीद गणपत राय इंडोर स्टेडियम -2 हजार दर्शकों की क्षमता है। यहां रेसलिंग और ताइक्वांडो का आयोजन किया जाता है।

-सिदो-कान्हो स्टेडियम, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव इंडोर स्टेडियम भी यहां मौजूद है।

स्टेडियम में मेंटेनेंस का काम पूरे साल चलता रहता है। अभी बरसात के कारण स्टेडियम के बाहर का एसीपी उखड़ गया है। इसे ठीक करने पर काम किया जा रहा है। जहां भी शिकायत मिलती है, उसे ठीक किया जाता है।

मुकुल टोप्पो, झारखंड स्पोट्र्स प्रमोशन सोसाइटी