रांची: रांची में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के फ्लैट्स को खरीदार नहीं मिल रहे हैं। रांची नगर निगम की ओर से एक जुलाई से शुरू हुई आवेदन की प्रक्रिया में अब तक महज 140 लोगों ने आवेदन लिया और मात्र 51 अप्लीकेशन ही जमा हुए हैं। लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत गरीबों के लिए बन रहे फ्लैट्स के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। काफी जद्दोजहद के बाद रांची के धुर्वा में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के तहत 1008 फ्लैट बन रहे हैं, जिसके लिए रांची नगर निगम ने आवेदन मांगा है।

एक जुलाई से आवेदन शुरू

लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत बन रहे फ्लैट्स खरीदने के लिए 1 जुलाई से शुरू हुई आवेदन की प्रक्रिया में 19 जुलाई तक मात्र 149 लोगों ने ही आवेदन खरीदा। इसमें से मात्र 54 आवेदन नगर निगम कार्यालय में जमा हुए हैं। नगर निगम ने तीन लाख से कम आय के लोगों से 31 जुलाई तक आवेदन मांगा है। आवेदन कम मिलने से कोरोना और लोगों की आय में कमी बतायी गई है।

मार्केट रेट के बराबर दाम

आवेदन नहीं करने वाले लोगों का मानना है कि फ्लैट का दाम अधिक होने के कारण गरीब खरीदने में सक्षम नहीं हैं। झुग्गी-झोपड़ी में रहनेवाले वन बीएचके फ्लैट में रहने के लिए 6.79 लाख रुपए कहां से लाएंगे। एक फ्लैट में एक रूम, एक हॉल, एक बाथरूम और एक बालकनी होगी। जो कुल एरिया 319 वर्ग फीट में होगा। झारखंड में काफी देर से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के साथ दुखद पहलू यह है कि झारखंड की अपेक्षा अन्य 5 राज्यों में गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में यह प्रोजेक्ट काफी आगे है। साल 2024 तक झारखंड सहित देश के 06 राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत सात लाख घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

एक फ्लैट की लागत

आवास की लागत: 13.29 लाख रुपया

केंद्र का अंशदान: 5.50 लाख

राज्य का अंशदान: 1 लाख

लाभुक का अंशदान: 6.79 लाख

इस तरह जमा करनी है रकम

सिक्योरिटी मनी 5000 रुपए। आवास आवंटन के बाद

पहली किस्त: 20,000 रुपए। आवंटन पत्र जारी होने के 30 दिन के अंदर

दूसरी किस्त: 25,000 रुपए, आवासीय ब्लॉक के निर्माण का 25 परसेंट कार्य पूरा होने पर

तीसरी किस्त: 25,000 रुपए। ब्लॉक के निर्माण का 50 परसेंट कार्य पूरा होने पर

चौथी किस्त: 25,000 रुपए। ब्लॉक के निर्माण का 75 परसेंट कार्य पूरा होने पर

पांचवां और अंतिम किस्त: 25,000 रुपए। लाभुक के आवासीय ब्लॉक के निर्माण का 90 परसेंट कार्य पूरे होने पर

फ्लैट्स के लिए क्या है पात्रता

-आर्थिक रूप से पिछड़ा। वार्षिक आय 3 लाख या तीन लाख से कम

-लाभुकों की पात्रता। कट ऑफ डेट मिशन के शुभारंभ की तिथि अर्थात 17.06.2015 है

-लाभुक के परिवार में पति-पत्‍‌नी एवं अविवाहित बच्चे शामिल होंगे।

-लाभार्थी का स्थानीय निकाय क्षेत्र का वोटर कार्ड होना अनिवार्य

-लाभुक का आधार कार्ड और बैंक अकाउंट संख्या होना जरूरी

-लाभार्थी का देश के किसी भाग में उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम अपना पक्का घर नहीं है, वही इस योजना के पात्र होंगे।

-भारत या राज्य सरकार की किसी आवासीय योजना में अनुदान या छूट का लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थी इस योजना के पात्र नहीं होंगे।

देर से शुरू हुआ प्रोजेक्ट

राजधानी रांची के धुर्वा में बन रहे इस प्रोजेक्ट के तहत 1008 गरीबों के आशियाने का काम लेट से शुरू हुआ। धुर्वा सेक्टर.1 पंचमुखी मंदिर के पास निर्माणाधीन इस परियोजना के ऑनलाइन समीक्षा के दौरान एक साल के अंदर फ्लैट्स तैयार करने के अलावा परियोजनास्थल के आसपास रह रहे लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए खेलकूद के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित फुटबॉल ग्राउंड तथा सामाजिक कायरें, विवाह और अन्य सार्वजनिक समारोह के लिए करीब 500 लोगों की क्षमता वाला सामुदायिक भवन निर्माण करने का निर्णय लिया गया था। इस आवासीय परियोजना के एक आवास की लागत 13.29 लाख रुपए है। इस लागत राशि में से केंद्र सरकार की ओर से 5.5 लाख की राशि और राज्य सरकार की ओर से 1 लाख की राशि अनुदान में दी जाएगी। लाभुक को रांची शहर के बीचों-बीच अपने सपनों के आशियाने के लिए केवल 6.79 लाख की राशि का वहन करना होगा।

3 डी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

रांची के लाइट हाउस प्रोजेक्ट का निर्माण 3डी की नवीनतम तकनीक से किया जा रहा है। इस तकनीक से पूरी आवासीय ईकाई का ढांचा एक साथ तैयार होता है, जिससे ईंट समें अन्य कंक्रीट सामग्री की बर्बादी कम होती है। रांची के लाइट हाउस परियोजना में 1008 आवासों के निर्माण के लिए एक साल के समय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लेकिन भारी भरकम राशि से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के प्रति लाभुकों की उपेक्षा ने नगर निगम की चिंता जरूर बढ़ा दी है।