रांची(ब्यूरो)। सिटी के सिर्फ 11 परसेंट घरों में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है। जी हां, रांची नगर निगम के अनुसार सिटी में दो लाख 36 हजार घर हैं, लेकिन सिर्फ 20 हजार घरों में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी बचाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर कितना नगर निगम और कितना सिटी के लोग अवेयर हैं। बता दें कि रांची के कुछ हिस्सों में पानी की किल्लत शुरू हो गई है। कई जगहों पर कुएं सूख गए हैं और बोरिंग भी जवाब देने लगी हैं। इसके बावजूद सिटी के लोग जल संरक्षण को लेकर जागरूक नहीं हैं।

लगातार बन रहे नए घर

सिटी में हर साल औसतन 4000 नए घर बन रहे हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया जाता है। जाहिर है कि आनेवाले समय में राजधानी का बड़ा हिस्सा पानी की किल्लत से जूझ रहा है। कई इलाके ड्राई जोन में पहुंच गए हैं, इन इलाकों में रांची नगर निगम अपने 40 टैंकरों को भेज कर पानी बंटवाता है। इसके अलावा जलसंकट वाले मोहल्ले में नगर निगम हर साल 350 मिनी एचवाइडीटी लगाता है। हर साल पानी की परेशानी झेलने के बावजूद जल संरक्षण के प्रति राजधानी के लोगों की अनदेखी चिंता का विषय है।

ये इलाके हैं ड्राई जोन

स्वर्ण जयंती नगर रातू रोड, मधुकम, लोअर चुटिया, आनंद नगर, गंगानगर, विद्यानगर, यमुनानगर, हरमू हाउसिंग कॉलोनी, हरमू बस्ती, हिंदपीढ़ी, नाला रोड, पत्थलकुदवा, थड़पखना, एदलहातू व चिरौंदी इन इलाकों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है।

टैक्स में छूट का है वादा

रांची शहर में 3 हजार वर्ग फ ट में बने घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने पर टैक्स में भी छूट देने का वादा रांची नगर निगम ने किया है। फोटो के साथ शपथ पत्र दायर होने के बाद उन घरों में टीम जाएगी और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच करेगी। जांच पूरी होने के बाद अगले वर्ष से उन घरों के मालिकों को टैक्स में छूट दी जाएगी।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग क्यों जरूरी

रांची नगर निगम की ओर से शहर के लोगों को कहा गया है कि कई इलाके ड्राई जोन घोषित हो चुके हैं। इस वजह से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना जरूरी हो गया है। बरसात के मौसम में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की मदद से ही पानी का लेवल ठीक किया जा सकता है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने में लापरवाही बरतने पर लोगों को और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

मंत्री-अफसर के आवास में भी नहीं

रांची में ग्राउंड वाटर लेवल पाताल लोक में जा रहा है। हर कोई इस समस्या से जूझ रहा है, लेकिन इसके समाधान पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। चाहे जिम्मेदार विभाग हो या आम पब्लिक, कहीं से भी कोई पहल होती नजर नहीं आ रही है। यहां तक कि लोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग में दिलचस्पी तक नहीं ले रहे हैं। प्राइवेट बिल्डिंग, गवर्नमेंट ऑफि स व नेता मंत्री के आवास में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने की दिशा में काम नहीं हो रहा है। जबकि ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ही बेहतर उपाय माना गया है।

2016 में ही आदेश लागू हुआ

2016 में भीषण जल संकट होने के बाद राज्य सरकार ने राजधानी के बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने को लेकर आदेश जारी किया था। लेकिन सात साल में सिर्फ 20 हजार घरों में ही यह सिस्टम लग पाया है। जो विभाग के उदासीन रवैये को दर्शाता है। आज शहर के कई इलाके ड्राई जोन में तब्दील हो चुके हैं। पानी के लिए मारा-मारी हो रही है। नगर निगम के टैंकर, सप्लाई वाटर एवं खरीद कर पानी का इस्तेमाल करना ही विकल्प बचा हुआ है।

आदेश लागू कर नगर निगम भी भूला

नगर निगम ने जल संकट को देखते हुए सिटी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य तो कर दिया, लेकिन इसे इम्पलीमेंट कराना भूल गया। नियम के अनुसार 300 स्क्वायर मीटर या इससे अधिक एरिया में बने भवनों के कैंपस में हर हाल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग कराना है। प्राइवेट भवनों के अलावा सरकारी इमारतों में इसे सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है। अब तक 50 परसेंट सरकारी भवनों में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग कराया गया है। विकास भवन, आरआरडीए, नगर निगम की पुरानी बिल्डिंग, कमिश्नर ऑफिस, सर्वे बिल्डिंग, अभियंता भवन समेत अन्य कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो सिटी में करीब 330 सरकारी बिल्डिंग्स हैं, जिसमें से सिर्फ 120 में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है।

पेनाल्टी सिर्फ आम लोगों को

निजी भवनों में यदि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम न हो तो बार-बार नोटिस भेजा जाता है। उन पर पेनाल्टी भी लगाया जाता है। डेढ़ गुणा होल्डिंग टैक्स वसूला जाता है। लेकिन सरकारी भवनों के लिए कोई नियम कानून नहीं है, ये सभी नियमों से ऊपर हैं। हर साल करीब 120 सरकारी भवनों में गिरने वाला बारिश का करोड़ों लीटर पानी बह कर बर्बाद हो जाता है। यदि इन स्थानों पर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जाए तो न सिर्फ भारी मात्रा में जल संचयन हो सकेगा, बल्कि आम नागरिकों के बीच वाटर हार्वेस्टिंग बनाने को लेकर एक संदेश भी दिया जा सकेगा।

कम्यूनिटी हार्वेस्टिंग सिस्टम भी फेल

रांची में कम्युनिटी लेवल पर भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार करने की योजना थी। इसके लिए हर वार्ड में 6-6 वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जाना था। निगम की ओर से कम्युनिटी स्तर पर ऐसी जगहों पर वाटर हार्वेस्टिंग बनाने का प्लान हुआ, जहां जमीन ही उपलब्ध नहीं है। लेकिन निगम की ओर से इस दिशा में ध्यान नहीं दिया गया और इक्का-दुक्का को छोड़ कम्युनिटी बेस्ड वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बन सका।