RANCHI: अगर आपको भी अपने आसपास या फैमिली मेंबर्स में कोरोना के लक्षण दिखाई दे तो डरने की जरूरत नहीं है। तत्काल उसे रिम्स में लेकर जाएं, जहां कोरोना के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार है। इतना ही नहीं, उनकी निगरानी के लिए पूरी टीम भी तैयार है। लेकिन हॉस्पिटल में मरीजों का ब्लड सैंपल टेस्ट करने का फिलहाल कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे में सस्पेक्टेड मरीजों का सैंपल टेस्ट के लिए जमशेदपुर एमजीएम भेजा जा रहा है, ऐसे में रिपोर्ट आने में भी 24 घंटे तक समय लग जा रहा है।

रिम्स में जांच की मशीन ही नहीं

रिम्स को एम्स की तर्ज पर डेवलप करने की बात हो रही है। लेकिन हॉस्पिटल में कोरोना जैसी बीमारी की जांच के लिए जरूरी मशीन ही नहीं है। जबकि जमशेदपुर स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज में टेस्ट करने वाली मशीन है। ऐसे में टेस्ट के लिए सस्पेक्टेड मरीजों का ब्लड सैंपल एमजीएम भेजा जा रहा है। जहां से रिपोर्ट आने में 24 घंटे का समय लग जाता है। वहीं कुछ दिन पहले तक सैंपल कोलकाता भेजे जा रहे थे, जिसमें 48 घंटे तक का समय लग रहा था।

नहीं मिला कोरोना का पॉजीटिव केस

झारखंड में अबतक कोई भी पॉजीटिव मरीज कोरोना का नहीं मिला है। ऐसे में सस्पेक्टेड मरीज भी गिनती के ही आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में सैंपल भी गिने-चुने ही भेजने पड़ रहे हैं। लेकिन अबतक ऐसी तैयारी नहीं है कि ज्यादा मरीज आ जाएं तो तत्काल उनकी जांच की जा सके। हालांकि रिम्स प्रबंधन ने टेस्ट करने वाली मशीन का ऑर्डर दे दिया है। अब देखना यह होगा कि मशीन रिम्स में कब तक इंस्टाल होती है।

हमलोगों ने अपनी ओर से तैयारी कर रखी है। आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, जहां ट्रेंड किए गए स्टाफ्स तैनात हैं। हालांकि अबतक कोई पॉजीटिव केस नहीं आया है तो टेंशन वाली बात नहीं है। फिर भी हमलोग 24 घंटे तैयार हैं। अगर कोई सस्पेक्टेड आता है तो उस पर नजर रखी जाएगी।

-डॉ विजय बिहारी प्रसाद, सिविल सर्जन, रांची

अबतक सस्पेक्टेड मरीजों का सैंपल कोलकाता भेजा जा रहा था। लेकिन अब हमलोग जमशेदपुर एमजीएम भेज रहे हैं। जल्द ही हमारी मशीन लग जाएगी तो सैंपल बाहर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। टीम को पूरी ट्रेनिंग दी गई है और वार्ड भी तैयार है। वार्ड को सैनिटाइज करने के लिए स्प्रे भी अवेलेबल है।

-डॉ विवेक कश्यप, सुपरिंटेंडेंट, रिम्स

अबतक नहीं आया रिम्स में मास्क

कोरोना तेजी से अपने पांव पसार रहा है। मरीजों की संख्या भी देश में तेजी से बढ़ रही है। इस बीच सस्पेक्टेड मरीजों के रिम्स में आने का सिलसिला जारी है, जिनका सैंपल भी टेस्ट के लिए भेज दिया गया है। इसके बावजूद हॉस्पिटल में अब तक बचाव के लिए मास्क नहीं आया है। ऐसी स्थिति में स्टाफ्स व गा‌र्ड्स मार्केट से मास्क खुद खरीदकर काम चला रहे हैं। इतना ही नहीं, हॉस्पिटल में आजतक जांच के लिए मशीन भी उपलब्ध नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर बीमारी फैली तो कंट्रोल करना मुश्किल हो जाएगा। जबकि कोरोना को लेकर राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स को अलर्ट पर रखा गया है। जानकारी के अनुसार, 20 हजार मास्क के लिए 6 मार्च को ही ऑर्डर किया गया था।

केवल वार्ड में ही किट व मास्क

पेइंग वार्ड के थर्ड फ्लोर पर कोरोना को लेकर आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, जहां पर टीम तैनात है और किट भी अवेलेबल है। इसके अलावा डॉक्टर्स और नर्स सर्जिकल मास्क से काम चला रहे हैं। जबकि प्रबंधन ने एन-95 मास्क का आर्डर दिया था। इसके बावजूद आजतक मास्क की सप्लाई नहीं की जा सकी। वहीं मॉनिटरिंग भी नहीं की जा रही है।