--सदर हॉस्पिटल के डॉग बाइट सेंटर में नहीं है एंटी रैबीज का इंजेक्शन

--सिविल सर्जन का दावा 13 जून से मिलने लगेगी वैक्सीन

RANCHI सदर हॉस्पिटल स्थित डॉग बाइट सेंटर से पिछले सात दिनों में क्000 पेशेंट्स वैक्सीन नहीं मिलने के कारण वापस लौट चुके हैं। डॉग बाइट के शिकार इन पेशेंट्स के पास प्राइवेट में ट्रीटमेंट कराने के अलावा कोई चारा नहीं है। हर दिन यहां से लगभग क्भ्0 पेशेंट्स लौट रहे हैं, लेकिन कोई इनकी सुननेवाला नहीं है। इंजेक्शन खत्म होने के बाद से डॉग बाइट सेंटर की नर्सो को भी मरीजों को हैंडल करने में परेशानी हो रही है। हालांकि सिविल सर्जन का दावा है कि क्फ् जून से वैक्सीन मिलने लगेगी।

विभाग से मिला है फंड

रांची सिविल सर्जन डॉ गोपाल श्रीवास्तव ने बताया कि एंटी रैबीज इंजेक्शन की खरीदारी के लिए स्वास्थ्य विभाग से पांच लाख रुपए मिले हैं। इनमें से पहले जो इंजेक्शन उधार में लिए गए थे, उनका ख्.98 लाख रुपए बकाया चुकाया जाएगा और बाकी बचे ख्.0ख् लाख रुपए से 900 वायल इंजेक्शन खरीदे जाएंगे। तीन दिनों में यह काम हो जाएगा और क्फ् जून से डॉग बाइट के शिकार लोगों को इंजेक्शन मिलने लगेगा। यह इंजेक्शन भी एक महीने ही चलेगा। अगर सेंट्रलाइज्ड खरीदारी नहीं होती है तो एक महीने के बाद फिर से वही स्थि्ाति होगी।

सालाना क्ख्000 वायल की जरूरत

उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल के डॉग बाइट सेंटर में हर दिन औसतन क्भ्0 मरीज आते हैं। हर महीने यहां औसतन क्,000 वायल इंजेक्शन की खपत है। ऐसे में सालाना क्ख्000 वायल मल्टीडोज इंजेक्शन की खरीदारी से डॉग बाइट के शिकार लोगों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। इसका रिक्विजशन हमने कॉरपोरेशन को भेज दिया है। इसके बावजूद वहां से खरीदारी नहीं की जा रही है। यही वजह है कि डॉग बाइट के शिकार लोगों को दिक्कत हो रही है।

वापस लौटी तनूजा

भुईयांटोली की तनूजा देवी के बेटे ढाई साल के अमर कुमार को कुत्ते ने काट लिया है। वह ट्यूज्डे को अपने बेटे को एंटी रैबीज का इंजेक्शन दिलाने लाई थी। पर इंजेक्शन खत्म होने की वजह से उसे वापस लौटना पड़ा।

कांके गागी की संगीता देवी को अपने बेटे को वैक्सीन दिलाने सदर हॉस्पिटल गई थी, लेकिन वैक्सीन खत्म होने की बात कहकर नर्सो ने उसे लौटा दिया। संगीता के बेटे अतुल को आवारा कुत्ते ने काट लिया था।

स्वास्थ्य विभाग से राशि मिल गई है। क्फ् जून से डॉग बाइट के शिकार लोगों को इंजेक्शन मिलने लगेगा।

डॉ गोपाल श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, रांची