रांची : झारखंड की खुफिया एजेंसी के अधीन संचालित स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो (एसआइबी) इन दिनों शीर्ष नक्सलियों की खोज में जुटी है। नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज करने और कारगर कार्रवाई के लिए एक करोड़ के इनामी नक्सली सहित सक्रिय नक्सलियों की तलाश तेज है। डीजीपी एमवी राव ने भी पिछले दिनों घोषणा की थी कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज होगा। इसकी तैयारी शुरू है। इसी सिलसिले में सात सितंबर को सभी जिलों के साथ विधि-व्यवस्था पर होने वाली वीडियो कांफ्रें¨सग में भी नक्सल गतिविधियां व उनके विरुद्ध चल रहे अभियान पर विशेष वार्ता होनी है।

एसआईबी को टास्क

एसआइबी को यह टास्क मिला है कि शीर्ष नक्सली खासकर एक करोड़ के इनामी नक्सली वर्तमान में कहां सक्रिय हैं। इन नक्सलियों के बारे में सटीक जानकारी इकट्ठा करने के बाद उनके खिलाफ कारगर अभियान चलायाजाएगा। सूचना है कि शीर्ष नक्सली अब बूढ़े हो चले हैं, जिसके चलते उनकी गतिविधियां इन दिनों कम हैं। इनामी माओवादी प्रशांत बोस का लोकेशन बंगाल में होने की सूचना है। बताया जाता है कि वह इन दिनों चलने-फिरने में असमर्थ है। पूर्व में शीर्ष नक्सली अर¨वद की बीमारी से मौत व एक करोड़ के दूसरे नक्सली सुधाकर के तेलंगाना में आत्मसमर्पण के बाद भाकपा माओवादी कमजोर पड़ गए थे, लेकिन कारगर कार्रवाई नहीं होने से अबतक राज्य से नक्सलियों का सफाया नहीं हो सका है।

ये हैं एक करोड़ के इनामी नक्सली

- प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बुढ़ा : यादवपुर, 24 परगना, पश्चिम बंगाल।

- मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर उर्फ सुनिर्मल जी उर्फ सागर : मदनडीह, पीरटांड़, गिरिडीह।

- असीम मंडल उर्फ आकाश उर्फ तिमिर : उत्तर फुलचक, चंद्रकोणा, पश्चिम मिदनापुर (बंगाल)।

- अनल दा उर्फ तुफान उर्फ पतिराम मांझी उर्फ पतिराम मरांडी उर्फ रमेश : झरहाबाले, पीरटांड, गिरिडीह।

- प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ फुचना उर्फ नागो मांझी उर्फ करण दा उर्फ लेतरा : दलुबुढ़ा, टुण्डी, धनबाद।

गणपति के आत्मसमर्पण की खबर को संगठन ने बताया भ्रामक

भाकपा माओवादियों के सेंट्रल कमेटी के महासचिव गणपति उर्फ लक्ष्मण राव के तेलंगाना में आत्मसमर्पण की खबर को कमेटी ने खारिज किया है। माओवादियों के सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने एक बयान जारी कर बताया है कि केंद्र सरकार व उनके अधिकारियों ने एक साजिश के तहत गलत और भ्रामक खबर का प्रचार-प्रसार करवाया है।