RANCHI: किस्मत ने हाथ छीना, पर हौसले से मंजिल पाई। जी हां, तीसरे राष्ट्रीय टी-ख्0 दिव्यांग क्रिकेट की चैंपियन यूपी टीम के स्टार प्लेयर अमित कुमार की कहानी कुछ ऐसी ही है। इलाहाबाद के रहने वाले इस क्रिकेटर अमित कुमार का बैंक में भी सेलेक्शन हो चुका है। अपनी मेहनत की बदौलत अमित आज दूसरे खिलाडि़यों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। गौरतलब हो कि क्ख् मार्च को ही रांची में राष्ट्रीय दिव्यांग टी-ख्0 क्रिकेट का फाइनल मैच हुआ था।

हाथ गंवाया, हिम्मत न हारी

क्रिकेट खेलने रांची पहुंचे अमित कुमार ने बताया कि वह बचपन से दिव्यांग नहीं हैं, लेकिन, क्रिकेट खेलने का जुनून बचपन से ही है। अपने लेफ्ट हैंड को गंवाने वाले हादसे का जिक्र करते हुए अमित बताते हैं कि बात साल ख्008 की है। अपने घर पर मशीन से पशु का चारा काट रहा था। अचानक ध्यान हटने के कारण लेफ्ट हैंड मशीन में चला गया। परिजनों ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों को कलाई काटनी पड़ी। इसके बाद अमित को बिना कलाई के ही दिन गुजारने पड़े। बाद में नकली हाथ लगवाकर ये अपने सारे काम बखूबी कर रहे हैं।

बैंक में नौकरी, खेल में नाम

अमित अपने हाथ की कलाई गंवाने के बाद भी निराश नहीं हुए। इन्होंने अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाया और बैंकिंग सर्विस की तैयारी करने लगे। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हिन्दी में एमए कर रहे अमित का सेलेक्शन बैंक में असिस्टेंट ऑफिसर के रूप में इसी साल हुआ है। एक अप्रैल को इन्हें बैंक ऑफ बड़ौदा में ज्वाइन भी करना है। दो साल पहले ही अमित ने यूपी डिजेबल क्रिकेट टीम को ज्वाइन किया और खेलना शुरू किया। पहला मौका था, जब अमित ने रांची में आकर नेशनल टूर्नामेंट में अपना जौहर दिखाया।