रांची (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री एससी-एसटी सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को खर्चे की चिंता किए बिना अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगी। सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि यूपीएससी पीटी क्वालीफाई करनेवाले छात्रों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। राज्य सरकार के आदिवासी कल्याण विभाग ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया है। आवेदन भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है।

झारखंड से इंटर पास होना जरूरी

राज्के आदिवासी कल्याण आयुक्त द्वारा कहा गया है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए एससी-एसटी संवर्ग के उन्हीं छात्र-छात्राओं को पात्र माना जाएगा, जिन्होंने इंटरमीडिएट और स्नातक की परीक्षा झारखंड से पास की हो। इसके अलावा आवेदकों की वार्षिक पारिवारिक आय ढाई लाख रुपए से 'यादा नहीं होनी चाहिए। जो अभ्यर्थी केंद्र या रा'य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विशेष कोचिंग में पढ़ रहे हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। एक अभ्यर्थी को पूरे जीवन में सिर्फ एक बार ही इस योजना का लाभ मिल सकेगा।

रेसिडेंशियल सर्टिफिकेट जरूरी

विभाग द्वारा जारी सूचना में आवेदकों से आवासीय एवं जाति प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र के साथ-साथ संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र आवेदन के साथ भेजने को कहा गया है। बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा के लिए प्रारंभिक परीक्षा पिछले महीने आयोजित की गई थी और इसका परिणाम घोषित हो चुका है।

ढाई लाख से ज्यादा नहीं हो इनकम

इस योजना का लाभ लेने के लिए सरकार ने कुछ मापदंड तय किये हैं। इस योजना का लाभ केवल एक बार ही लिया जा सकता है। एससी-एसटी उम्मीदवार जो एक बार पीटी परीक्षा पास किये हों और उन्हें एक बार यह राशि मिल गयी है तो दोबारा यह राशि नहीं दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए वैसे ही उम्मीदवार आवेदन के पात्र होंगे जिनकी सभी स्रोतों से वार्षिक आय ढाई लाख से 'यादा नहीं हो। इसके अलावा रा'य सरकार या केंद्र सरकार की ओर से संचालित यूपीएससी जैसी किसी भी तरह की परीक्षा की तैयारी कराने वाले सरकारी कोचिंग से पढ़ाई करने वालों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।