रांची(ब्यूरो)। रांची जिले में 21 लाख लोगों को कोरोना टीका का प्रीकॉशन डोज लगाने का टारगेट जुलाई में तय हुआ था, 75 दिनों में 21 लाख लोगों को डोज लगना था। लेकिन समय पूरा हो गया है और अब तक सिर्फ एक लाख 98 हजार लोगों ने ही कोरोना टीका का प्रीकॉशन डोज लिया है। आलम यह है कि लोग अब कोरोना टीका लगाने को लेकर ज्यादा इच्छुक नहीं हैं। नतीजन आने वाले दिनों में राज्य में 13 लाख से अधिक कोरोना का टीका एक्सपायर हो जाएगा।

लोगों में इंटरेस्ट नहीं

रांची सहित राज्य भर में कोरोना के दूसरे और बूस्टर डोज के टीकाकरण में तेजी नहीं आ रही है। राज्य में पर्याप्त मात्रा में कोरोना से बचाव का टीका उपलब्ध है, लेकिन लोग इसको लगवा नहीं रहे हैं। चिंता की बात यह है कि राज्य में उपलब्ध 13 लाख टीका की एक्सपायरी नजदीक आ गई है। इनकी वैधता 2 से 3 महीने में खत्म हो जाएगी। अधिक से अधिक लोग टीका लगाएं, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग लोगों को प्रेरित कर रहा है लेकिन लोग हैं कि अब टीका लगाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।

अब तक 4.34 करोड़ डोज

झारखंड में कोरोना टीकाकरण के तहत अब तक चार करोड़ 34 लाख से अधिक डोज की वैक्सीन लग चुकी है। इनमें पहली एवं दूसरी डोज के अलावा बूस्टर डोज भी शामिल है। इधर, कोरोना टीकाकरण के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को बूस्टर डोज लगाया जा रहा है। हालांकि, पूरे राज्य भर में अब लोग कोरोना का टीका लगाने को लेकर उत्साहित नहीं हैं। टीका वही लोग लगा रहे हैं जिनकी तबियत खराब होती है। उनको लगता है कि प्रीकॉशन डोज लगाने के बाद उनका इम्यून ठीक होगा। नॉर्मल लोगों ने पहला और दूसरा डोज लगा लिया है, अब वो प्रीकॉशन डोज लगाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।

स्पेशल टीका लग रहा

यह विशेष टीकाकरण अभियान सदर अस्पताल सहित शहर के 19 टीकाकरण केंद्रों और जिले के सभी 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चल रहा है। सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार, 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों के टीकाकरण को भी स्कूल आधारित अभियानों के माध्यम से पूरा किया जा रहा है। जुलाई में लोगों को प्रीकॉशन डोज लगाने के लिए जोर-शोर से तैयारी की गई थी, इसका प्रचार प्रसार भी किया गया था, लेकिन अब लोग खुद आगे नहीं आ रहे हैं।

रांची में सभी सेंटर पर टीका लगाया जा रहा है। प्रीकॉशन डोज लगाने के लिए लोगों को अवेयर भी किया जा रहा है। लेकिन इसे लगाने के लिए लोग कम आ रहे हैं। रांची में कोरोना टीका का सभी डोज उपलब्ध है।

-डॉ शशिभूषण खलखो, डीआरसीएच, रांची