RANCHI: रांची के ओरमांझी स्थित मेदांता हॉस्पिटल में डॉक्टरों का एक अमानवीय चेहरा नजर आया है। जहां सेंटर हेड डॉ एचपी सिंह द्वारा बुखार व सिर दर्द का इलाज कराने वाले गिरिडीह के एक मरीज को बिल नहीं चुकाने के कारण क्फ्म् दिन(करीब साढ़े चार महीने) बंधक बनाए रखा गया। नतीजन, हॉस्पिटल का बिल 98 हजार की जगह बढ़ कर तीन लाख 70 हजार पहुंच गया। जबकि मरीज की पत्‍‌नी पहले ही म्9 हजार रुपए देकर बाकी पैसे माफ करने का अनुरोध कर चुकी थी। मामले में सीएम रघुवर दास ने हस्तक्षेप कर मरीज को हॉस्पिटल से छुट्टी दिलवाई। साथ ही उन्होंने हॉस्पिटल का बिल भुगतान करने का भी आश्वासन दिया है।

यह है मामला

जानकारी के मुताबिक, गिरिडीह के गुरुचरण तुबी दिल्ली में काम करते थे। वहां उन्हें तेज बुखार के साथ सिर में काफी तेज दर्द भी होने लगा था। परिजनों ने उन्हें मेदांता अब्दुर्रज्जाक अंसारी मेमोरियल विवर्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यहां से ठीक होने के बाद डॉ हसन ने फ्0 दिनों के अंदर उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी। अस्पताल प्रबंधक ने इलाज का बिल 98 हजार रुपए थमाया। लेकिन, मरीज की पत्‍‌नी म्9 हजार रुपए ही जमा करवा पाई। बाकी ख्9 हजार रुपए आर्थिक तंगी का हवाला देकर माफ करने का अनुरोध की। लेकिन, हॉस्पिटल के सेंटर हेड डॉ सिन्हा ने पूरा बिल देने के बाद ही अस्पताल से मरीज को रिलीज करने की बात कही। इसके बाद मरीज को क्फ्म् दिनों तक यानी लगभग साढ़े चार महीने तक अस्पताल में ही बंधक बनाए रखा गया।

काम न आया हेमंत सोरेन से अनुरोध

जानकारी के मुताबिक, झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की तबीयत खराब होने पर उन्हें क्7 नवंबर को मेदांता हॉस्पिटल ले जाया गया था। उस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी वहां पहुंचे थे। मौके पर मरीज की पत्‍‌नी व उसके परिजनों ने हेमंत सोरेन से छुट्टी दिलवाने का अनुरोध किया। हेमंत सोरेन ने आश्वासन तो दिया, लेकिन मरीज की छुट्टी नहीं करा पाए।