रांची(ब्यूरो)। हिमाचल, देहरादून और हरियाणा में जो दवाइयां बनती हैं वो अब झारखंड के रांची में भी बनेंगी। रांची सहित राच्यभर में जितनी भी फार्मास्यूटिकल कंपनियों की दवाई दूसरे राच्यों से बनकर आती हैं वो अब रांची में ही बनेंगी। 2026 तक रांची का फार्मा पार्क बनकर तैयार हो जाएगा। जहां बड़ी-बड़ी ब्रांडेड कंपनियां अपना प्रोडक्शन करेंगी। इसके लिए झारखंड सरकार ने कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने का काम शुरू कर दिया है। इसके तहत उद्योग विभाग(जेआईआईडीसी) रांची के चान्हो प्रखंड के बीजूपाड़ा में फार्मा एस्टेट/ पार्क विकसित करने में जुटा है। झारखंड इंडस्ट्रिलय इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(जेआईआईडीसी)के अनुसार पार्क निर्माण के लिए (नोटिस इन्वाइटिंग टेंडर)एनआईटी निकाला गया है। जल्द ही सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

रांची में बन रहा फार्मा पार्क

रांची जिले के बीजूपाड़ा के बरहे गांव में फार्मा पार्क के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए पांच कंपनियां आगे आई हैं। इसमें तीन स्थानीय और दो कंपनियां बाहर की हैं। इनमें श्रीराम इंटरप्राईजेज रांची, एसके सिन्हा रांची, हाईटेन कंस्ट्रक्शन के अलावा केएमवी प्रोजेक्ट हैदराबाद व हाईड्रोटेक पर्यावरण इंडिया मोहाली (पंजाब) शामिल हैं। नवंबर तक निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उसके बाद 24 माह यानी वर्ष 2024 तक फार्मा पार्क विकसित कर लिया जाएगा। इसके लिए लगभग 35.08 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। इसके निर्माण पर लग 39 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

सरकार ने किया प्रावधान

55 भूखंड आरक्षित फार्मा पार्क में दवाओं के निर्माण से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राच्य सरकार ने कई प्रकार की छूट का प्रावधान किया है। पार्क में फार्मा उद्योगों को आवंटन के लिए 55 भूखंडों को आरक्षित किया गया है। इन भूखंडों में से 30 भूखंड सूक्ष्म (माईक्रो) उद्योग के लिए, 14 भूखंड छोटी (स्मॉल) इकाइयों के लिए, 07 भूखंड मध्यम (मीडियम) इकाइयों के लिए एवं 04 भूखंड बड़े औद्योगिक इकाइयों के लिए चिह्नित हैं। इसके अलावा फार्मा पार्क में सड़क, बैंक, पोस्ट ऑफिस, प्रशासनिक भवन, कैंटीन, क्रेच की व्यवस्था भी होगी। प्रस्तावित पार्क में 1.59 एकड़ में ओपन स्पेस छोड़ा गया है। वहां दवा बनाने, रिसर्च करने, नयी दवा की खोज करने, क्लिनिकल डाटा मैनेजमेंट की व्यवस्था भी होगी।

प्लांट लगाने पर मिलेगी छूट

फार्मा पार्क में दवा निर्माताओं को उद्योग लगाने पर कई तरह की छूट का प्रावधान राच्य सरकार की ओर से किया गया है। इसमें परियोजना निवेश पर 20 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन पर 100 प्रतिशत की छूट, क्वालिटी सर्टिफिकेशन पर 10 लाख रुपए तक की सहायता देने का प्रावधान किया गया है। पेटेंट रजिस्ट्रेशन कराने पर भी 10 लाख रुपए तक की छूट दी जाएगी। इसके अलावा जीएसटी अनुदान के रूप में 75 से 80 प्रतिशत तक की छूट के साथ पांच फीसदी इंटरेस्ट सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी।

युवाओं को मिलेगा रोजगार

फार्मा पार्क के विकसित होने के बाद बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा। मांडर के पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि मांडर विधान सभा क्षेत्र से रोजगार के लिए बड़े पैमाने पर युवाओं का पलायन होता है। मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता की वजह से फार्मा पार्क का सपना साकार हो रहा है। इससे क्षेत्र के युवाओं का पलायन रुकेगा। हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।