RANCHI: हथियार पकड़ों और ईनाम पाओ। जी हां, आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान केंद्रों पर कब्जा और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर हथियारों की तस्करी की आशंका जताई गई है। ऐसे में चुनाव से पहले बिहार और झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में अवैध हथियार जमा करने की सूचना मिलने के बाद दोनों राज्यों की पुलिस अलर्ट पर है।

अलर्ट पर पुलिस

हथियारों की तस्करी रोकने के लिए इंटरस्टेट मीटिंग, ज्वाइंट ऑपरेशन और तस्करी किए जाने वाले रास्ते में जगह-जगह चेकिंग प्वाइंट बनाने का निर्णय लिया गया है। झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी आशीष बत्रा ने बताया कि झारखंड सीमावर्ती जिलों में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। विशेषकर नक्सलियों और वैसे अपराधियों पर नजर रखी जा रही है जो अवैध हथियारों की तस्करी में शामिल रहे हैं।

चुनाव आयुक्त को दी है सूचना

इस मामले की जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त को भी बिहार और झारखंड पुलिस के अधिकारियों ने दी है। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के साथ लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हुई बैठक में हथियार तस्करी का मुद्दा भी उठा। मुख्य चुनाव आयुक्त को बिहार और झारखंड पुलिस के अधिकारियों ने यह सूचना दी है कि आम चुनाव को बाधित करने के लिए बड़े पैमाने पर बिहार-झारखंड की सीमा पर हथियार जमा किए जा रहे हैं।

सुरक्षा एजेंसियां भी जुटीं

मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त ने झारखंड पुलिस के अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं। रांची में बैठक के दौरान भी झारखंड पुलिस के अधिकारियों ने हथियार तस्करी के संबंध में कई जानकारियां दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार मामले में सुरक्षा एजेंसियां लगी हुई है और हथियार तस्करों के खिलाफ सूचना के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।