रांची (ब्यूरो)। पतरातू में बनने वाले पावर प्लांट से रांची सहित राज्य के हर घर बिजली की किल्लत दूर होगी। 2022 में यहां से 2000 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। यहां से उत्पादन शुरू होने से बिजली का उत्पादन भी राज्य में बढ़ जाएगा, सेंट्रल पुल पर अभी जो राज्य की निर्भरता है वो भी कम होगी। इस प्लांट की क्षमता 4000 मेगावाट है। तीन फेज में काम पूरा होना है। पहले फेज का काम 2022 में पूरा होगा।

रांची आएगी बिजली

पतरातू से बिजली लेने के लिए पतरातू-चांडिल-चाईबासा, चांडिल.धनबाद, पतरातू.कोडरमा, पतरातू-बेड़ो एवं पतरातू लालमिटया ट्रांसमिशन लाइन बनाया जाएगा। रांची में पतरातू की बिजली पतरातू-बेड़ो ट्रांसमिशन लाइन के जरिए आएगी। बेड़ो में ग्रिड पहले ही बन चुकी है।

सेंट्रल सेक्टर पर कम होगी निर्भरता

अभी डीवीसी कमांड एरिया को लेकर राज्य में करीब 2200-2500 मेगावाट बिजली की खपत है। जिसमें डीवीसी अपने कमांड एरिया में 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करता है। जेबीवीएनएल टीवीएनएल से करीब 250 मेगावाट एवं बारिश के दिनों में सिकिदरी हाईडल से 50 मेगावाट बिजली लेता है। जबकि आधुनिक एवं इनलैंड पावर से करीब 50-70 मेगावाट बिजली लेता है। बाकी बिजली सेंट्रल सेक्टर से ही ली जाती है। अगर 2000 मेगावाट पतरातू से बिजली मिलने लगे तो बिजली क्षेत्र में सेंट्रल सेक्टर पर निर्भरता कम होगी। सेंट्रल सेक्टर से ली जाने वाली बिजली पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत साढ़े पांच से छह रुपए प्रति यूनिट पड़ती है, जबकि पतरातू से बिजली 3.25 रुपए में ही मिलेगी, जो सस्ती होगी।

तीन फेज में पूरा होगा काम

2000 मेगावाट बिजली मिलेगी झारखंड को। यहां प्लांट की क्षमता 4000 मेगावाट है। तीन फेज में काम पूरा होना है। पहले फेज का काम 2022 में पूरा होगा। इसमें 2400 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। 2000 मेगावाट बिजली झारखंड को मिलेगी। जेबीवीएनएल व एनटीपीसी के बीच बनी ज्वाइंट वेंचर कंपनी वर्ष 2015 में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड और एनटीपीसी के बीच ज्वाइंट वेंचर कंपनी पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड ;पीवीयूएनएल बनी। वर्ष 2016 में कंपनी को एनटीपीसी हवाले किया गया। इसके बाद भेल यहां काम कर रहा है।

इस तरह बिछेगा बिजली का जाल

-सबसे पहले पतरातू उत्पादित बिजली लेने के लिए एक स्वीच यार्ड का निर्माण किया जाएगा। बिजली को पहले स्वीच यार्ड में लिया जाएगा। इसके जरिए विभिन्न ट्रांसमिशन लाइन से बिजली पूरे राज्य में वितरित की जाएगी

-400-220 केवी ग्रिड सबस्टेशन, चांडिल तथा 400 केवी पतरातू.चांडिल 135 ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण होगा

-400 केवी चांडिल.धनबाद 133 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी

-400 केवी चांडिल.चाईबासा100 किमी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी

-220 केवी चांडिल 20 किमी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी

-400-220-132-33 केवी ग्रिड सबस्टेशन कोडरमा का निर्माण होगा

-400 केवी पतरातू-कोडरमा 150 किमी तथा 220 केवी कोडरमा-गिरिडीह 80 किमी का ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी

-220-132-33 केवी ग्रिड सबस्टेशन, पतरातू तथा 200 केवी का 20 किमी लिंक लाइन बनाई जाएगी