स्लग: रांची जीपीओ में खत्म हुए पोस्टकार्ड, डोरंडा मुख्य डाकघर में भी 114 बचे

- एक महीने में पटना जीपीओ से तीन से पांच हजार पोस्टकार्ड मंगाता है रांची जीपीओ

-रांची कॉलेज का नाम डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी किए जाने के खिलाफ राष्ट्रपति को लिख रहे लेटर

dayanand.roy@inext.co.in

RANCHI (25 Nov): पोस्टकार्ड चाहिए। जीपीओ जा रहे हैं। कोई फायदा होने वाला नहीं है। क्योंकि जीपीओ में पोस्टकार्ड है ही नहीं। दरअसल, रांची कॉलेज का नाम बदलकर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी किए जाने के विरोध में आदिवासी छात्र संघ के राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखो अभियान के कारण रांची जीपीओ में पोस्टकार्ड खत्म हो गया है। वहीं, डोरंडा मुख्य डाकघर में भी क्क्ब् पोस्टकार्ड ही बचे रह गए हैं। अर्थात आम जनता के लिए रांची जीपीओ में पोस्टकार्ड बचे ही नहीं हैं।

नहीं बचे पोस्टकार्ड

रांची जीपीओ के स्टांप ट्रेजरर फूलचंद उरांव ने बताया कि रांची जीपीओ में पोस्टकार्ड की जो खपत है, उसके अनुसार हर महीने फ्000-भ्000 पोस्टकार्ड हम इंडेंट करते हैं। एक पोस्टकार्ड का रेट भ्0 पैसे है। हाल में जिस तेजी से पोस्टकार्ड की बिक्री बढ़ी है उससे सभी पोस्टकार्ड खत्म हो गए। पोस्टकार्ड हमें पटना जीपीओ से मंगाना होता है। वहीं डोरंडा मुख्य डाकघर के डाककर्मी चेपो उरांव ने बताया कि डाकघर में क्क्ब् पोस्टकार्ड ही बचे हैं।

भ्000 से ज्यादा पोस्टकार्ड लिखे हैं

आदिवासी छात्र संघ के आरयू अध्यक्ष संजय महली ने बताया कि रांची कॉलेज का नाम डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी करने के विरोध में स्टूडेंट्स राष्ट्रपति को पत्र लिख रहे हैं। संघ के साथ कॉलेज के स्टूडेंट्स भी पत्र के माध्यम से राष्ट्रपति से यह मांग कर रहे हैं कि रांची कॉलेज का नाम झारखंड की किसी विभूति के नाम पर रखा जाए। झारखंड सरकार इस कॉलेज का नाम जबर्दस्ती डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखना चाहती है, जो ठीक नहीं है। वहीं रांची कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष संतोष उरांव ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने में वर्ष क्9ख्म् में रांची कॉलेज की इंटर कॉलेज के रूप में स्थापना हुई थी, उस समय भी क्षेत्रीयता और लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए इसका नाम रांची कॉलेज ही किया गया। लेकिन, अब झारखंड में ही झारखंडी हितों की अनदेखी की जा रही है।

वर्जन-

रांची जीपीओ में पोस्टकार्ड की जो खपत है, उसके अनुसार तीन से पांच हजार पोस्टकार्ड हर महीने पटना जीपीओ से मंगाए जाते हैं। इस महीने पोस्टकार्ड ज्यादा बिके हैं, जिससे स्टॉक खत्म हो गया। अब फिर से पोस्टकार्ड इंडेंट किए जाएंगे। जीपीओ में पोस्टकार्ड खपत के अनुसार ही मंगाए जाते हैं।

-फूलचंद उरांव, स्टांप ट्रेजरर, रांची जीपीओ

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आदिवासी छात्र संघ रांची कॉलेज का नाम बदलकर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी किए जाने के विरोध में राष्ट्रपति को पत्र लिखे जाने का अभियान चला रहा है। क्8 नवंबर से यह अभियान चल रहा है। हम चाहते हैं कि कॉलेज का नाम झारखंड की किसी विभूति पर हो। अब तक पांच हजार से ज्यादा पोस्टकार्ड लिखे जा चुके हैं.

-संजय महली, आरयू अध्यक्ष, आदिवासी छात्र संघ