RANCHI: हाल ही में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की रांची सर्किल के जीएम ने सभी कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश दिया कि मेंटेनेंस के लिए 15 मिनट सुबह में और 15 मिनट रात के 10 बजे ही बिजली काट सकते हैं। लेकिन, उनका यह आदेश उस समय फेल हो गया जब राजधानी रांची में बुधवार को बूटी मोड़, एदलहातू, पिस्का मोड़ समेत अन्य कई इलाकों में घंटों बिजली गुल रही। हालांकि, यह सिर्फ एक दिन की बात नहीं है, बल्कि आए दिन सिटी के लोगों को बिजली संकट से जूझना पड़ रहा है। खासकर गर्मी के दिनों में लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। इसके बावजूद बिजली विभाग को आम लोगों की परेशानियों से कुछ लेना-देना नहीं है।

गर्मी में बढ़ी परेशानी

रांची में 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है। थोड़ी भी आंधी आयी बिजली गुल, थोड़ी गरमी बढ़ी तो बिजली गुल, न बिजली काटने का समय न आने का समय लोगों को पता रहता है। पिछले पांच साल में बिजली की उपलब्धता की स्थिति पर गौर करें तो शहर में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं हो पायी है। जबकि पूरी सरकार कभी वर्ष 2017 से तो कभी 2018 से तो कभी 2019 से बिजली की निर्बाध आपूर्ति की घोषणा करती रही है।

आरएपीडीआरपी का लाभ नहीं

शहर के लोगों को पिछले पांच साल से वादा किया जा रहा है कि शहर के लोगों को जीरो कट बिजली की सुविधा मिलेगी। लेकिन पांच साल से यह सिर्फ वादा ही नजर आ रहा है। शहर के लोगों को जीरो कट बिजली अब तक नहीं मिल पाई है। रांची में 400 करोड़ की लागत से विद्युत सुदृढ़ीकरण की योजना आरएपीडीआरपी शुरू की गयी थी। यह योजना वर्ष 2016 में शुरू हुई, तब दावा किया गया था कि योजना पूरी होते ही रांची में जीरो कट बिजली मिलेगी, काम पूरा हो चुका है। लेकिन स्थिति यह है कि सबसे ज्यादा पावर कट से रांची के लोग परेशान है।

इनवर्टर व जेनरेटर पर बढ़ी निर्भरता

राजधानी में ऐसा कोई भी दिन नहीं है, जब लोगों को बिजली कटौती के कारण परेशान न होना पड़े। डेढ़ दशक बीतने के बावजूद बिजली विभाग का 24 घंटे बिजली देने का दावा धरातल पर नहीं उतरा। गर्मी हो या बरसात लोग हर मौसम में बिजली कटौती से परेशान हैं। इधर, एक सप्ताह से लगातार बिजली की ट्रिपिंग व अघोषित कटौती काफी बढ़ गयी है। लगातार हो रही बिजली की कटौती ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। लोग इनवर्टर और जेनेरेटर पर निर्भर हो गये हैं। बिजली गुल होने के बाद पता नहीं होता है कि बिजली दोबारा कब आएगी।

इंडस्ट्रीज की हालत खराब

वितरण निगम द्वारा नयी सरकार बनने के साथ 2014 से ही बिजली की स्थिति को सुधारने के बड़े-बड़े दावे किए गए। राजस्व भी बढ़ाया गया, लेकिन इस दिशा में सुधार होने के बजाय स्थिति और बिगड़ती ही गयी है। सरकार बदल भी गई, नई सरकार आ गई, लेकिन बिजली व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ। बिजली नहीं रहने के कारण सबसे बुरी स्थिति माइक्रो स्माल इंडस्ट्रीज की है। बिजली के अभाव में इंडस्ट्रीज ने उत्पादन घटा दिया है। इंडस्ट्री के लोगों का आरोप है कि उपभोक्ताओं को बिजली वितरण निगम के भरोसे छोड़ दिया गया है। इंडस्ट्री वाले लोग कई बार सरकार से गुहार लगा चुके हैं कि बिजली की अपूर्ति ठीक की जाए, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।

क्या कहती है पब्लिक

ऐसा कोई भी दिन नहीं है, जब एक से डेढ़ घंटे बिजली नहीं कटती है। सरकार कई साल से कह रही है कि राजधानी को 24 घंटे बिजली दी जाएगी, लेकिन यह कब दी जाएगी, किसी को पता नहीं।

आशुतोष कुमार, कंाके रोड

रातू रोड इलाके में जब भी बिजली कटती है तो आधा घंटा के बाद ही आती है। जब विभाग ने निर्देश दिया है कि 15 मिनट का ही शट डाउन लेना है। ऐसे में देर तक बिजली काटने का जिम्मेवार कौन है।

राजी रंजन, रातू रोड

हमलोगों के इलाके में तो एक एक घंटे तक बिजली कटती है। शहर में अगर यह हाल है तो दूसरी जगहों का क्या हो सकता है। राजधानी की बिजली व्यवस्था में सुधार लाना जरूरी है।

प्रियंका वर्मा, चुटिया

सभी एरिया के अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि मेंटेनेंस के लिए सुबह में 15 मिनट और शाम में 15 मिनट का शटडाउन लेकर काम करें। गर्मी में लोड भी बढ़ जाता है और मेंटेनेंस भी जरूरी है।

-प्रभात कुमार श्रीवास्तव, जीएम, रांची एरिया बोर्ड