रांची (ब्यूरो): राज्य के दो नए प्लांट से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। इससे दिसंबर से बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। नॉर्थ कर्नपूरा स्थित एनटीपीसी के पावर प्लांट और गोड्डा स्थित अडानी पावर प्लांट से दिसंबर से उत्पादन शुरू हो जाएगा। इन दोनों यूनिट से प्रोडक्शन शुरू हो जाने के बाद झारखंड को हर दिन लगभग 400 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी। राज्य को 400 मेगावाट बिजली मिलने से बिजली की किल्लत बहुत हद तक दूर होगी।

1460 मेगावाट बिजली

दिसंबर तक नॉर्थ कर्नपुरा स्थित एनटीपीसी के पावर प्लांट और गोड्डा स्थित अडानी पावर प्लांट की पहली यूनिट से उत्पादन शुरू हो जाएगा। दोनों ही पावर प्लांट को चालू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। दिसंबर तक इन दोनों पावर प्लांट से 1460 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा। इससे झारखंड को करीब 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी।

एनटीपीसी से 660 मेगावाट

एनटीपीसी के नॉर्थ कर्नपुरा थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट 660 मेगावाट की है। यहां 1980 मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट बनाया जाना है। इस महीने के अंत तक इस लाइन की टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। इसके बाद पावर प्लांट को चालू कर दिया जाएग। पहली यूनिट के चालू होने पर लगभग 200 मेगावाट बिजली झारखंड को और बाकी बिजली बिहार और अन्य राज्यों को दी जाएगी।

23 साल बाद हो रहा है शुरू

एनटीपीसी नॉर्थ कर्नपुरा परियोजना का शिलान्यास 23 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व। अटल बिहारी बाजपेई ने 1999 में किया था। इस परियोजना को चालू होने में लगभग 23 वर्ष लग गए। वर्ष 2023 तक तीनों यूनिट यानी कुल 1980 मेगावाट के पावर प्लांट को चालू करने की योजना एनटीपीसी द्वारा बनाई गई है।

अडानी पावर प्लांट भी शुरू होगा

गोड्डा स्थित अडानी पावर प्लांट में दिसंबर से उत्पादन आरंभ हो जाएगा। यहां 800-800 मेगावाट की दो यूनिट (कुल 1600) मेगावाट के पावर प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। दिसंबर में 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा। इसके बाद दो से तीन महीने में दूसरा प्लांट भी बनकर तैयार हो जाएगा। अडानी द्वारा झारखंड सरकार के साथ किए गए एमओयू के तहत कुल उत्पादन बिजली का 25 प्रतिशत यानी 400 मेगावाट बिजली हर दिन झारखंड को दी जाएगी।

हर दिन 2200 मेगावाट की जरूरत

राज्य में औसतन 2200 मेगावाट बिजली की जरूरत हर दिन होती है। गर्मी में डिमांड बढक़र 2400 से 2500 मेगावाट तक पहुंच जाती है। पीक आवर में स्थिति नियंत्रित करने के लिए सबसे ऊंची दर पर नेशनल पॉवर एक्सचेंज से 12 से 15 रुपये यूनिट तक महंगी बिजली खरीदी जाती है। यानी हर दिन 4 से 5 करोड़ रुपए की अतिरिक्त बिजली खरीदी जाती है। यह बिजली औसतन 4 से 5 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी जाती है।

फिलहाल बिजली के स्त्रोत

कंपनी बिजली

एनटीपीसी 490 मेगावाट

डीवीसी 580 मेगावाट

टीवीएनएल 350 मेगावाट

आधुनिक पावर 190 मेगावाट

इनलैंड पावर 55 मेगावाट

सोलर पावर राजस्थान से 350 मेगावाट

विंड पावर से 180 मेगावाट

एनएचपीसी 40 मेगावाट

पीटीसी हाईड्रो 40-50 मेगावाट