RANCHI: मंहगाई ने होली के रंग को फीका कर दिया है। खाने-पीने के सामान के दामों लगातार हो रहे इजाफे से एक ओर जहां घर का बजट गड़बड़ाया हुआ है, तो वहीं होली जैसे फेस्टिवल को लेकर मीडिल क्लास के लोगों की चिंताएं बढ़ी हुई हैं। रंगोत्सव के अवसर पर अधिकतर घरों में तरह-तरह के पकवान बनते हैं, लेकिन इसे तलने वाला कुकिंग ऑयल और रिफाइंड आयॅल ने गुझिया, पुआ का ही तेल निकाल दिया है। कुकिंग ऑयल के अलावा ड्राई फ्रूट, मसाले, रसोई गैस, समेत कई वस्तुओं के दाम भी आसमान छू रहे हैं। लॉकडाउन के बाद आर्थिक स्थिति खराब होने से लोग अभी भी उबर नहीं पाए हैं। वहीं, दैनिक उपयोग होने वाले सामानों की कीमत में निरंतर वृद्धि से सभी लोग हलकान हैं।

कोरोना ने पहले ही फीका कर रखा है रंग

कोरोना संक्रमण ने होली समेत सभी फेस्टिवल को पहल ही फीका कर रखा है। ऐसे में मंहगाई अब आम पब्लिक का दम निकाल रही है। एक बार फिर से कोरोना के केस लगातार बढ़ने से लोग सहमे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर मैदा, सूजी, तेल, घी से लेकर गैस तक के दामों में बेतहाशा वृद्धि से होली का पर्व फीका पड़ता नजर आ रहा है। बीते चार महीने में कई खाद्य सामग्रियों के दाम में वृद्धि हुई है। कुकिंग ऑयल की कीमत लगभग 50 रुपए तक बढ़ गयी। रसोई गैस ने भी ढाई सौ रुपए की छलांग लगा दी है। चार महीने पहले मस्टर्ड आयॅल की कीमत 105 और रिफाइंड आयॅल 110 रुपए था, जो आज 140 से 150 रुपए तक पहुंच गया है। कोरोना जहां होली के रंग और लोगों के उत्साह में खलल डाल रहा है, तो वहीं महंगाई ने होली में बनने वाले पकवान का स्वाद फीका कर दिया है।

दुकानदार भी हैं परेशान

इधर मंहगाई बढ़ने से सिर्फ खरीदार ही नहीं बल्कि दुकानदार भी परेशान हैं। दुकानदारों का कहना है बिजनेस में जबर्दस्त गिरावट आई है। विक्रेता रंजीत मिश्रा ने बताया कि सरसों के तेल की कीमतों में लगभग 40 फीसदी, सूरजमुखी के तेल में 52 फीसदी, सोयाबीन के तेल में 34 फीसदी और रिफाइंड ऑयल की कीमतों में 37 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।

पिछले साल और इस बार की होली में कितना का है अंतर

सामान - 2020 - 2021

सरसों तेल - 105 - 147

पाम ऑयल - 65 - 125

सोया ऑयल - 100 - 135

रिफाइंड ऑयल - 90 - 135

मैदा - 17 - 21

सूजी - 20 - 23

बेसन - 70 - 72

गड़ी - 170 - 190

काजू - 500 - 850

मखाना - 450 - 550

बादाम - 650 - 700

किशमिश - 160 - 200

क्या कहती है पब्लिक

इस बार होली बिल्कुल साधारण तरीके से मना रहा है। कोरोना और महंगाई हालत खराब कर के रख दी है। किचन का बजट पूरी तरह बिगड गया है।

- अंजलि

कोरोना और मंहगाई ने रंग में भंग डाल दिया है। सोच-समझ कर और कम क्वांटिटटी में पकवान बनेगा। कोरोना के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए फेस्टिवल सेलिब्रेट करेंगे।

-स्नेहलता

मंहगाई ने कमर तोड दी है। रसाई गैस से लेकर तेल अनाज सब मंहगा हो गया है। क्या होली मनाएंगे। मीडिल क्लास के लिए अब कोई त्योहार रहा ही नहीं।

- अंजलि

कोरोना ने पहले ही सभी त्योहार का रंग फीका कर दिया है। उपर से मंहगाई ने होली, शबे बारात समेत अन्य त्योहारों पर असर डाला है।

- पुष्पा

बोले दुकानदार

होली में व्यापार मंदा है। महंगाई ने लोगों के घर का बजट गड़बड़ाया है। दुकानदारों की भी कमाई नहीं हो रही है। पहले की तुलना में काफी कम बिक्री हो रही है।

रंजीत मिश्रा, दुकानदार