रांची (ब्यूरो):परिवहन विभाग की नजर ऐसी प्राइवेट व्हीकल्स पर है जिनका कॉमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे व्हीकल ओनर्स को विभाग की ओर से नोटिस भेजे जा रहे हैं। प्रति सीट के अनुसार ऐसे लोगों पर जुर्माना किया जाएगा। फोर सीटर निजी कार का व्यावसायिक इस्तेमाल होने पर प्रति सीट तीन से छह हजार रुपए यानी की कम से कम 12 हजार रुपए का फाइन हो सकता है। सभी संस्थानों को भी नोटिस जारी कर निजी वाहनों के व्यावसायिक इस्तेमाल बंद करने के लिए कहा गया है।

सरकारी रेवेन्यू का नुकसान

प्राइवेट व्हीकल्स के कॉमर्शियल इस्तेमाल करने पर सरकारी रेवेन्यू का भी नुकसान हो रहा है। बिना परमिट, रोड टैक्स और फिटनेस टैक्स की फीस बचाने के लिए लोग अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन कॉमर्शियल के लिए कराते ही नहीं हैं। इन नियमों का उल्लंघन करने वालों को परिवहन विभाग अब चिन्हित करने में जुट गया है। इसी कड़ी में डीटीओ की ओर से जेएमएफ को नोटिस भी भेजा है। साथ ही अलग-अलग विभागों में भी डीटीओ का नोटिस गया है। दरअसल विभिन्न संस्थानों में निजी गाडिय़ों का कॉमर्शियल यूज करने की शिकायत परिवहन विभाग को मिली है। ज्यादातर इनोवा, फा'र्यूनर व दूसरी एसयूवी गाडिय़ों का प्रयोग व्यवसायिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। विभाग की ओर से पहले भी ऐसे वाहन मालिकों को नोटिस भेजा गया है, लेकिन फिर भी निजी वाहनों का व्यावसायिक इस्तेमाल बंद नहीं हो रहा है। रांची में करीब 5000 परमिट होल्डर टैक्सी हैं, जबकि 3000 से ज्यादा निजी वाहन टैक्सी के रूप में चलाए जा रहे हैं।

ऐसे हो रहा राजस्व का नुकसान

निजी वाहनों के व्यावसायिक इस्तेमाल से राजस्व को हर महीने बड़ा नुकसान हो रहा है। 7 से 8 लाख रुपए की कोई कार के निजी रजिस्ट्रेशन के लिए लिए करीब दो लाख रुपए का खर्च आता है, जबकि इसी रेंज की कार के कॉमर्शियल रजिस्ट्रेशन के लिए दो लाख बीस हजार से लेकर ढाई लाख रुपए का खर्च होता है। कॉमर्शियल वाहन के पंजीकरण के लिए इंश्योरेंस शुल्क 30 से 40 हजार, रोड टैक्स 30 से 35 हजार, परमिट 9 से 10 हजार और फिटनेस के लिए 7 से 8 हजार खर्च करना पड़ जाता है। वहीं निजी वाहन के पंजीकरण में इंश्योरेंस के लिए 10 हजार देने के बाद सिर्फ प्रदूषण नियंत्रण के लिए खर्च करना होता है।

क्या हो सकती है कार्रवाई

नियम का उल्लघंन करने वाले वाहन मालिकों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। वाहन रजिस्ट्रेशन की शर्तों का उल्लंघन 66/192 (ए) के तहत वाहन को जब्त कर कोर्ट में पेश भी किया जा सकता है। कोर्ट द्वारा उस वाहन के मालिक पर जुर्माना लगाया जाएगा। परिवहन अधिकारी भी जुर्माना कर सकते हैं। नियम के मुताबिक हर सीट पर तीन हजार रुपए से छह हजार रुपए तक की फाइन लगाई जा सकती है।

कैब में चल रहे प्राइवेट व्हीकल्स

सैकड़ों प्राइवेट व्हीकल्स का इस्तेमाल कॉमर्शियल पर्पस से हो रहा है। कई सरकारी ऑफिसों में भी अफसर ऐसी गाडिय़ों का इस्तेमाल करते नजर आते हैं, जिसका रजिस्ट्रेशन निजी वाहन के रूप में है लेकिन इसे कैब या टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। एयरपोर्ट पर भी दर्जनों ऐसी गाडिय़ां नजर आती हैैं, जो पैसेंजर को ड्रॉप करने आती है, लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन प्राइवेट व्हीकल्स के रूप में है। कैब के अलावा खाद्य पदार्थ की डिलीवरी करने वाले भी ऐसा ही कर रहे हैं।

निजी वाहनों का कॉमर्शियल इस्तेमाल करनेवालों को नोटिस भेजा जा रहा है। ऐसे लोगों पर प्रति सीट के अनुसार जुर्माना किया जाएगा। यदि कोई अपने वाहन का कॉमर्शियल यूज कर रहे हैैं तो उसे तत्काल बंद कर दें।

प्रवीण कुमार प्रकाश

डीटीओ, रांची