RANCHI: अपना घर तो लोग साफ रखते हैं। थोड़ी भी गंदगी हो जाए तो उसे बार-बार साफ करते हैं। लेकिन घर से बाहर निकलते ही लोगों की आदत खराब हो जाती है और जहां-तहां कचरा फेंक डालते हैं। लोगों की इन्हीं गंदी आदतों की वजह से रेलवे खूब कमाई कर रहा है। वहीं कचरा फैलाने वालों से जमकर फाइन भी वसूल रहा है। यही वजह है कि एक साल में 905 मामले दर्ज कर उनसे 84 हजार रुपए फाइन वसूला जा चुका है। इसके बावजूद लोगों की आदत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जबकि इसके लिए रेलवे ने जगह-जगह पोस्टर-बैनर भी लगाए हैं। वहीं अनाउंसमेंट कर भी पैसेंजर्स को अवेयर किया जाता है।
100 से 500 रुपए तक फाइन
स्टेशन पर जहां-तहां गंदगी फेंकने पर रेलवे जुर्माना ठोंक रहा है। स्टेशन एरिया में गंदगी फैलाने पर 100 रुपए से लेकर 500 रुपए फाइन लगाने का प्रावधान किया गया है। वहीं मामले को देखते हुए पैसेंजर से फाइन वसूला जाता है। इतना ही नहीं, फाइन के साथ गंदगी फैलाने वालों को सजा का भी प्रावधान है। देशभर के 100 मॉडल स्टेशनों में रांची को भी शामिल किया गया है। इसी के तहत स्टेशन पर बदलाव लाने का काम तेजी से चल रहा है।
गंदगी फैलाने से पहले सोचें जरूर
साउथ इस्टर्न रेलवे अपनी जोन के रांची स्टेशन समेत सभी स्टेशनों को हरा-भरा बनाने का संदेश दे रहा है। इसके लिए रांची स्टेशन पर भी जगह-जगह डिसप्ले लगाए गए हैं, जो स्टेशन पर आने वाले पैसेंजर्स को संदेश दे रहा है कि यह धरती हमसे नहीं है बल्कि हमलोग इस धरती से हैं। इसलिए थूकने, गंदगी फैलाने, प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल करने से पहले एक बार जरूर सोचें।
डस्टबिन यूज करने को लेकर अवेयर
साउथ इस्टर्न रेलवे के रांची स्टेशन को इको स्मार्ट स्टेशन के रूप में डेवलप किया जा रहा है। फर्स्ट फेज का काम पूरा हो चुका है। इसके तहत स्टेशन पर चारों ओर इको फ्रेंडली माहौल होगा। वहीं वेस्ट डिस्पोजल को लेकर भी तैयारी शुरू कर दी गई है। यहां ड्राइ और वेट वेस्ट के लिए अलग-अलग डस्टबिन भी लगाए जा चुके हैं ताकि लोग कचरा उसी में डालें। वहीं डिस्पोजल के लिए स्टेशन एरिया में ही डिस्पोजल प्लांट लगाने का काम भी प्रॉसेस में है।
जनवरी से नवंबर तक 905 केस
महीना केस फाइन
जनवरी 48 4800
फरवरी 27 2700
मार्च 29 3100
अप्रैल 22 2200
मई 45 4520
जून 50 5000
जुलाई 169 15100
अगस्त 150 13450
सितंबर 168 14750
अक्टूबर 117 10350
नवंबर 80 8100
लोग जिस तरह से अपने घर को साफ रखते हैं उसे बाहर भी लागू कर लें तो कहीं गंदगी नहीं होगी। इसके अलावा दूसरे पैसेंजर्स को भी कोई परेशानी नहीं होगी। स्टेशन पर लोग जहां-तहां थूक देते हैं, कचरा डाल देते हैं। इससे सफाई करने वाले स्टाफ्स भी परेशान हो जाते हैं।
सुहास लोहकरे, एसपीआरओ, रांची डिवीजन